Shikhar Dhawan: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं और वो अलग-अलग टी20 लीग में अब खेलते हुए नजर आते हैं। शिखर धवन की पहचान एक टफ क्रिकेटर के रूप में रही है जो विरोधी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ने वाले बैटर के रूप में जाने जाते रहे हैं, लेकिन आज स्थिति ये है कि शारीरिक रूप से बेहद मजबूत ये क्रिकेटर अपने बेटे की याद में रो रहा है और उन्हें उम्मीद है कि वो एक दिन अपने बेटे से मिलेंगे उसे गले लगाएंगे।

अपने बेटे को सबसे पहले गले लगाऊंगा

शिखर धवन का एक इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वो अपने बेटे जोरावर के बारे में बात करते हुए नजर आ रहे हैं। इस इंटरव्यू के दौरान शिखर धवन से पूछा जाता है कि जब आप अपने बेटे से मिलेंगे तो उसे अपनी कौन सी पारी दिखाना चाहेंगे। इसका जवाब देते हुए धवन ने कहा कि सबसे पहले मैं उसे गले लगाऊंगा और उसके साथ समय बिताऊंगा। मैं सुनूंगा कि वो क्या कहना चाहता है और मेरे दिमाग में ये कभी नहीं आया की मैं उसे अपनी कौन सी पारी दिखाऊं, शायद मैं उसके साथ बैठकर रोऊंगा। ये बातें करते हुए धवन रोते हुए भी नजर आए।

बेटे को देखे 2 साल हो गए

इस इंटरव्यू के दौरान धवन ने कहा कि मुझे बेटे की याद आती है और उसे देखे हुए 2 साल हो गए हैं और एक साल से मैंने उससे बात नहीं की है क्योंकि मैं हर जगह से ब्लॉक हूं, लेकिन मैं उससे आध्यत्मिक रूप से बात करता हूं और महसूस करता हूं कि मैं अपने बेटे से हर दिन बात कर रहा हूं, उसे गले लगा रहा हूं। मेरे लिए ये काफी मुश्किल है और मैं उसे काफी मिस करता हूं। वो 11 साल का हो चुका है, लेकिन मैंने उसके साथ सिर्फ ढ़ाई साल ही वक्त बिताया है।

जहां रहे वो खुश रहे

धवन ने कहा कि मुझे अपने बेटे को वापस भी लाना है तो सैडनेस से कुछ नहीं होता। जरूरी ये है कि मैं उसे कितनी खुशी दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि वो ज्यादा वक्त ऑस्ट्रेलिया में ही रहता था। जब मैंने शादी की थी तो मेरी पत्नी की पहले से ही दो बेटियां थी और मैंने उन्हें एडाप्ट भी किया था, लेकिन वो कभी भारत नहीं आईं। अब मैं वाइफ से सेपरेट हो चुका हूं तो चीजें बदल गई हैं। आप अपने आप को परिस्थिति के मुताबिक ढाल लेते हैं। मेरे लिए सबसे जरूरी है कि मेरा बेटा जहां रहे खुश रहे और उसकी सेहत अच्छी रहे। मैं अभी भी उसको ब्लॉक नंबर पर भी मैसेज करता हूं, मैं ये उम्मीद नहीं करता कि कल को वो आके देखे, लेकिन मैं उसे दिखाऊंगा। वो उसे पढ़े ना पढ़े, लेकिन जो मेरा कर्म है मैं वो कर रहा हूं, मैं उसके साथ हमेशा हूं।