ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर शेन वार्न भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले टेस्ट की अंपायरिंग से खुश नहीं हैं। वह ऑस्ट्रेलियाई अंपायर ब्रूस निकोलस जेम्स ऑक्सनफोर्ड पर जमकर बरसे। ब्रूस निकोलस जेम्स ऑक्सनफोर्ड इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के एलीट पैनल में शामिल हैं। एक दिन पहले ही शेन वार्न ने भारतीय क्रिकेटर चेतेश्वर पुजार पर नस्लीय टिप्पणी की थी। वार्न भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले टेस्ट में कॉमेंटी कर रहे हैं।
शेन वॉर्न ने मैच के पहले दिन कॉमेंट्री के दौरान यॉर्कशायर के साथ अपने काउंटी क्रिकेट कार्यकाल के दौरान पुजारा को दिए गए ‘निकनेम’ की चर्चा की थी। टेस्ट मैच के दूसरे दिन यानी शुक्रवार (18 दिसंबर 2020) को उन्होंने अंपायरिंग खासकर ब्रूस ऑक्सफोर्ड पर भड़ास निकाली। वार्न के मुताबिक, ब्रूस ऑक्सफोर्ड ने खेल के दौरान कई गलतियां कीं। दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई पारी में 63वां ओवर रविचंद्रन अश्विन ने फेंका। अश्विन ने ओवर की आखिरी गेंद नाथन लियोन को फेंकी। इस गेंद पर अश्विन ने लियोन के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील की और अंपायर ब्रूस ऑक्सनफोर्ड ने अपनी अंगुली उठा दी।
नाथन लियोन ने तुरंत रिव्यू ले लिया। थर्ड अंपायर ने लियोन को नॉटआउट करार दिया। इसके बाद ऑक्सनफोर्ड को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। उस समय लियोन एक रन पर थे। उसके बाद उन्होंने अपने खाते में 9 रन और जोड़े। इस बीच, कॉमेंट्री कर रहे वार्न ने कहा, ‘यह एक बहुत बड़ी गलती है। देखो कितनी घूमी है गेंद। आप साफ-साफ दो आवाजें सुन सकते हैं। ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड क्या देख रहा है? वह बदमाश ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड है।’
वार्न ने कहा, ‘मैदान के बाहर लोग मुझसे कहते हैं कि मैं ब्रूस ऑक्सफोर्ड के लिए रूखा हूं। जो बर्न्स ने भी इसकी कीमत चुकाई है। कोई भी इस तरह की गलतियां पसंद नहीं करता है। आप उसे अंपायर नहीं चुनना चाहते हैं। मेरी राय में उन्होंने इस खेल में बहुत सारी गलतियां की हैं।’
शेन वार्न ने ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज जो बर्न्स का संदर्भ इसलिए शायद दिया, क्योंकि वह भी जसप्रीत बुमराह की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हुए थे। 17वें ओवर की आखिरी गेंद पर बुमराह और विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने अपील की और ऑक्सनफोर्ड ने अंगुली उठा दी।
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया ने तब भी रिव्यू लिया था, लेकिन गेंद स्टंप्स को मामूली रूप से छू रही थी और अंपायर्स कॉल होने के कारण बर्न्स को पवेलियन लौटना पड़ा था। बर्न्स केवल 8 रन बनाकर आउट हुए थे। उस समय ऑस्ट्रेलिया के खाते में सिर्फ 29 रन जुड़े थे।


