देश को पहली बार विश्व विजेता बनाने वाले कप्तान व पूर्व क्रिकेटर कपिल देव का दिल आया था, उस वक्त की सुंदर और पॉपुलर अभिनेत्रियों में से एक सारिका पर। ये स्टोरी चर्चा में थी और दोनों की मुलाकात एक पार्टी में हुई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों एक दूसरे के लिए काफी सीरियस थे। लेकिन अचानक रोमी भाटिया से कपिल की शादी के बाद ये रिश्ता टूटने की खबरें सामने आने लगीं।
कपिल देव और सारिका के प्यार के चर्चों ने उस वक्त काफी सुर्खियां बटोरी थीं। यहां तक की अगर खबरों की मानें तो कपिल सारिका को अपने परिवार से मिलवाने के लिए पंजाब भी ले गए थे। हांलाकि बाद में कपिल का मन बदल गया और उन्होने सारिका से ब्रेकअप कर अपनी गर्लफ्रेंड रोमी भाटिया का हाथ थाम लिया।
कैसे हुई थी कपिल-सारिका की मुलाकात?
बॉलीवुड शॉडी डॉट कॉम के मुताबिक कपिल देव और खूबसूरत अभिनेत्री सारिका की मुलाकात सबसे पहले मशहूर अभिनेता मनोज कुमार की पत्नी ने करवाई थी। इसके बाद दोनों एक दूसरे के नजदीक आने लगे थे। खबरें ये भी थीं कि कपिल ने सारिका को पंजाब ले जाकर अपने परिवार से भी मिलाया था। हालांकि इसके कुछ दिनों बाद अचानक दोनों के अलग होने और रोमी के कपिल की जिंदगी में एंट्री करने की खबरें आईं। रिपोर्ट्स की मानें तो रोमी के आने से ही कपिल-सारिका अलग हुए थे।
कपिल देव ने काफी समय तक रोमी भाटिया के साथ रिलेशनशिप में रहने के बाद साल 1980 में शादी कर ली थी। इस जोड़ी ने साल 1996 में एक बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम अमिया देव है। कपिल देव से रोमी की मुलाकात उनके चहेते दोस्त सुनील भाटिया ने करवाई थी।
वहीं सारिका भी उस दौर के सबसे मशहूर अभिनेताओं में से एक कमल हसन को दिल दे बैठीं। हालांकि कमल हासन पहले से शादीशुदा थे। लेकिन सारिका की खूबसूरती के आगे वे दिल हार बैठे। शादी से पहले ही सारिक प्रेग्नेंट हो गईं और बाद में कमल हासन को अपनी पत्नी वाणी का साथ छोड़ 1988 में सारिका से शादी करनी पड़ी। दोनों की बेटी श्रुती हासन भी मशहूर एक्ट्रेस हैं। इसके बाद 2004 में दोनों का तलाक भी हो गया।
कपिल देव को हरियाणा हरीकेन के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में हुआ था। उनका पूरा नाम कपिल देव रामलाल निखंज है। वे भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर में से एक रहे हैं। 1983 विश्व कप विजयगाथा में आज भी उनका नाम सबसे ऊपर आता है। 17 रन पर 5 विकेट गंवाने के बाद महत्वपूर्ण मैच में उन्होंने 175 रन बनाकर भारत को जिम्बाब्वे के खिलाफ जीत दिलाई थई।
उनका नाम ऐसे चुनिंदा खिलाड़ियों की सूची में दर्ज है जिन्होंने 5000 से अधिक टेस्ट और 3000 से अधिक वनडे रन बनाए। इसके अलावा 434 टेस्ट विकेट और 253 वनडे विकेट भी अपने नाम दर्ज किए। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया पहली बार 1983 में वेस्टइंडीज को हराकर विश्व चैंपियन बनी थी।