एक ही ओवर में चार चौके जड़कर सोमवार को बल्लेबाज वसीम जाफर ने पहली बार विदर्भ टीम को रणजी ट्रॉफी दिलाई। इस बार विदर्भ की टीम पहली बार फाइनल खेल रही थी और दिल्ली को हराकर वह चैंपियन बनी। लेकिन इस टीम में एक ऐसा खिलाड़ी भी है जो पहले भी कई बार फाइनल जीतकर अपनी टीम को खिताब दिला चुका है। 39 साल के वसीम जाफर अब तक 19 रणजी सीजन खेल चुके हैं। विदर्भ से पहले वो मुंबई के लिए कप्तानी कर चुके हैं। 19 बार में से 9 बार वसीम जाफर अपनी टीम के लिए रणजी फाइनल खेल चुके हैं और हर बार वह इस खिताब को जीतने में कामयाब भी रहे हैं। इस बार भी जब विदर्भ की टीम छोटे से लक्ष्या का पीछा करने उतरी तो कप्तान फैज फैजल 9 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन वसीम जाफर और संजय रामास्वामी ने विदर्भ को जीत तक पहुंचा दिया। जाफर ने पहली पारी में शानदार 78 रन बनाए थे तो वहीं दूसरी पारी में वह नाबाद 17 रन बनाए। जिस दौरान उन्होंने एक ही ओवर में चार चौके भी जड़े।

W Jaffar
विदर्भ ने सोमवार को होल्कर स्टेडियम में दिल्ली को नौ विकेट से हराते हुए पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब पर कब्जा किया।(फोटो सोर्स- पीटीआई)

जाफर ने प्रीमियर घरेलू टूर्नामेंट में 138 मैच खेले और 56.81 की औसत से 10,738 रन बनाए। जिस दौरान उन्होंने 36 शतक और 44 अर्धशतक भी बनाया। इसके साथ ही वह रणजी में सबसे ज्याजा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन गए। वसीम जाफर ने पहला फाइनल 1996-97 सीजन में खेला था। मुंबई के लिए 18 साल खेलने के बाद उन्होंने 2015-16 में विदर्भ की तरफ से खेलना शुरू किया। वहीं विदर्भ ने रणजी में पहली बार 1957-58 में खेलना शुरू किया था। जिसके 61 साल बाद पहला मौका था जब वह फाइनल में पहुंचकर चैंपियन बनने में कामयाब रही।

बता दें कि विदर्भ ने सोमवार को होल्कर स्टेडियम में दिल्ली को नौ विकेट से हराते हुए पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब पर कब्जा किया। विदर्भ को दिल्ली की ओर से दूसरी पारी में बनाए गए 280 रनों के आधार पर जीत के लिए 29 रनों की जरूरत थी, जिसे उसने एक विकेट के नुकसान पर 32 रन बनाकर हासिल कर लिया।