सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के बल्ले से न जाने कितने ही रिकॉर्ड टूटे और बने। सचिन-कोहली के इन रिकॉर्डों में जिस एक शख्स का अहम योगदान रहा है, आज वह मुश्किलों में फंसा हुआ है। इलाज कराने तक के लिए भी उसके पास पैसे नहीं है। मुंबई में मेट्रो सिनेमा के सामने खेल के सामान की दुकान वाले अशरफ भाई के लिए कई चीजें बदल गईं हैं। अब वह वानखेड़े स्टेडियम के ड्रेसिंग रूम की सीढ़ियों की ओर बैट लेकर इंतजार करते नहीं दिखते। उनके कंधे पर हमेशा एक किटबैग हुआ करती थी, जिसमें बैट के साथ बैटग्रिप हुआ करतीं थीं। अशरफ चौधरी अंतरराष्ट्रीय और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों के समय हमेशा उपस्थित रहते थे।
अपनी इस स्थिति से पहले अशरफ ने सचिन-कोहली जैसे कई बड़े खिलाड़ियों के बैट की मरम्मत अपने हाथों से की है। इस सूची में ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ, वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और कीरोन पोलार्ड और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज फाफ डु प्लेसी का भी नाम है। 70 वर्षीय अशरफ बल्लेबाजों के लिए काफी सहायक हैं। प्लेयर्स के निवेदन पर वह टूटे बैट को जोड़ते हैं, उसे दुबारा भी बनाते हैं और बल्ले के वजन कम करने के लिए उसकी घिसाई भी करते हैं। पिछले कुछ हफ्तों से स्वास्थ्य कारणों से वह सुहूर्बन मुंबई हॉस्पिटल में भर्ती हैं। उनकी बीमारी का कारण कोरोनावायरस नहीं है। उनको गुर्दे में पथरी संबंधी दिक्कत है।
पिछले 15 साल से अशरफ के करीबी रहे प्रशांत जेठमलानी उनके इलाज के लिए फण्ड जुटाने में सहायता कर रहे हैं। प्रशांत ने कहा, ‘उनकी स्थिति ठीक नहीं है, उनको पथरी की समस्या है, जो दोबारा परेशान कर रही है। साथ ही और भी कुछ दिक्कतें है। लॉकडाउन में क्रिकेट बंद होने से उनका बिज़नेस पूरी तरह थप पड़ चुका है। उनके पास बिल्कुल पैसे नहीं है। सब खत्म हो चुके हैं। हमने उनके लिए दो लाख रुपए जमा किए लेकिन यह काफी नहीं है, आगे और जरूरत पड़ेगी। दो महीने पहले हुई भाई की मृत्यु से हालात और खराब होते चले गए।
2016 में अशरफ ने वेस्टइंडीज टीम के खिलाड़ियों से बिना एक पैसे लिए 16 बैट गिफ्ट किए थे। उस समय उनकी अपने बोर्ड से रूपयों को लेकर अनबन चल रही थी। प्रशांत ने कहा, ‘‘इस बार आईपीएल यूएई में हो रहा है और उनसे किसी ने बैट के लिए नहीं कहा है। अशरफ के पास कुछ भी कम नहीं आया है। दुखद बात यह भी है कि कई खिलाड़ियों पर उनके पैसे उधार हैं, जो अभी तक नहीं मिले हैं। अभी तक उन्होंने अपने पैसे नहीं मांगे हैं। प्रशांत का कहना है अब क्रिकेटर्स की बारी है कि वो उस इंसान की मदद करें जिन्होंने समय पर उनका काम किया था।’’