सचिन तेंदुलकर की गिनती दुनिया के महानतम क्रिकेटर्स में की जाती है। हालांकि, उनके महान बनने में देवानंद की फिल्म ‘गाइड’ और एक आम के पेड़ का भी बहुत बड़ा हाथ है। चौंकिए नहीं, यह राज सचिन तेंदुलकर खुद एक इंटरव्यू में खोला था। सचिन ने उसी इंटरव्यू में यह भी बताया था कि तिहरा शतक उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी पारियों में से एक है।

सचिन तेंदुलकर ने ‘ओकट्री स्पोर्ट्स’ के ‘यूट्यूब‘’ चैनल के शो ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस’ में बताया था, ‘वह हमारा प्लान था। दरअसल, मैं, सुनील और अविनाश बहुत गहरे मित्र थे। बचपन की बात है। हमारे घर के पास आम का पेड़ था। दूरदर्शन पर शाम को देवानंद की फिल्म गाइड आने वाली थी। इसमें कोई शक नहीं था कि सारी दुनिया देवानंद को देखने वाली थी, इसलिए हमने प्लान बनाया कि आज सारे आम तोड़ लेते हैं।’

सचिन ने बताया, ‘सुनील थोड़ा भारी था। मैं पेड़ की एक डाल पर था। आम ढूंढ रहा था। अचानक सुनील भी उसी डाल पर आ गया। उसके बाद डाल हिलने लगी। अगले ही पल हम दोनों ही जमीन पर पड़े थे। हम दोनों करीब 2 मंजिल ऊंचाई से गिरे थे। हम पकड़े गए।’

सचिन ने बताया, ‘तब मेरे बड़े भाई बहुत अपसेट हो गए। मेरे भाई ने कहा कि इसको ऐसे छोड़ देंगे तो पता नहीं क्या करने वाला है। उसी समय हमारी गर्मियों की छुट्टियां शुरू हुईं थीं। तब उन्होंने सुझाव दिया कि इसको क्रिकेट खेलने के लिए भेजते हैं।’

सचिन ने बताया, ‘मेरे भाई का मानना था कि जो भी मस्ती है, जो भी एनर्जी है, ग्राउंड पर निकालने दो। कम से कम यहां घर पर तो किसी की शिकायत नहीं आएगी। नहीं तो हर शाम मेरी कोई न कोई शिकायत आती रहती थी। इसके बाद मुझे आचरेकर सर के पास भेज दिया गया और धीरे-धीरे मेरा क्रिकेट के प्रति जुनून बढ़ता गया।’

यह पूछने पर कि आपको बहुत कम उम्र में ही सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर जैसे दिग्गजों का अंटेशन मिल गया था। सुनील गावस्कर ने तो यह तक कहा था कि यह लड़का बहुत आगे जाएगा, यह बहुत आपके लिए बहुत बड़ा कम्प्लीमेंट रहा होगा? सचिन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि ब्रेबोर्न स्टेडियम में मेरा तिहरा शतक मेरी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण पारियों में से से एक है।’

सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘ऐसा इसलिए, क्योंकि जब मैंने वह तिरहा शतक लगाया था, तब गावस्कर सर, वेंगसरकर सर, राज सिंह डूंगरपुर सर समेत बहुत बड़ी-बड़ी हस्तियां उस समय मौजूद थीं। शायद यही वजह रही होगी कि मैं सबकी निगाहों में आ गया।’