सचिन तेंदुलकर 200 टेस्ट मैच खेलने वाले दुनिया के इकलौते क्रिकेटर हैं। हालांकि, यह बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि वह अपने करियर के पहले टेस्ट मैच में ही इतना निराश हो गये थे, कि उन्हें लगा था कि करियर खत्म हो गया। तब उन्होंने ईश्वर से सिर्फ एक मैच और खेलने का मौका मिलने की प्रार्थना की थी। सचिन तेंदुलकर ने लार्ड्स में एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में यह राज खोला था।
बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने 15 नवंबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में डेब्यू किया था। उस मैच में वह सिर्फ 15 रन ही बना पाए थे। यही नहीं, सचिन को अपना पहला टेस्ट शतक बनाने में करीब एक साल लग गए थे। उन्होंने 9 अगस्त 1990 को इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में नाबाद 119 रन की पारी खेली थी। जो उनके करियर का पहला टेस्ट शतक था।
सचिन से पूछा गया था कि क्या करियर की शुरुआत में जो फेलियर हुए थे तो कभी लगा कि आप इसके लिए डिजर्व नहीं करते हैं, टेस्ट क्रिकेट पता नहीं आगे खेल पाऊंगा या नहीं? इस सवाल पर सचिन ने जब मैं अपने पहले टेस्ट मैच में बैटिंग करने गया। वह मैच कराची में था। वसीम मुझे बॉलिंग कर रहा था। मैं उस समय 16 साल का था। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक ओवर में एक-दो बाउंसर मिलते हैं। तो उसमें आप अंदाजा लगा लेते हैं कि अगला बॉल हॉफ वाली मिलेगी और उसको कवर ड्राइव में मारने के लिए तैयार हो जाते हैं।
उन्होंने बताया, ‘वसीम अकरम ने मुझे पहली गेंद फेंकी। वह बाउंसर थी। मैंने उसे छोड़ दिया। मैंने सोचा अगली गेंद यार्कर होगी, लेकिन वह भी बाउंसर थी। वसीम ने उस ओवर की सभी 6 गेंदें मुझे बाउंसर ही फेंकीं। ओवर होने के बाद मेरे दिमाग में आया कि वेलकम टू टेस्ट क्रिकेट। ऐसी शुरुआत होती है। उस समय वसीम और वकार मुझए बॉलिंग कर रहे थे, उस तरह की पेस मैंने कभी फेस नहीं की थी।’
सचिन ने बताया, ‘मैं उधर बिल्कुल घूम गया था। मैं 16 साल का बच्चा था। मैं कुछ आइडिया नहीं था। मैं स्पीड से बीट हुए जा रहा था। स्विंग से बीट हुए जा रहा था। मुझे लगा कि मेरा यह शायद फर्स्ट और लास्ट टेस्ट मैच है। जब मैं आउट होकर वापस जा रहा था ड्रेसिंग रूम तो मुझे लगा कि यह मेरे बस की बात नहीं है टेस्ट क्रिकेट। मैं वॉश रूम में गया और शीशे में अपना चेहरा देखा। मैंने कहा कि यहीं पर खत्म हो रहा शायद। इसके बाद मैंने ईश्वर से प्रार्थना की कि मुझे और एक चांस दो।’
ईश्वर ने सचिन को मौका दिया। सचिन ने भी दुनिया को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कराया। सचिन ने 200 टेस्ट में 51 शतक की मदद से 15921 रन बनाए। वह वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं। उन्होंने अपने करियर में 463 वनडे खेले। इसमें उन्होंने 49 शतक लगाए और 18426 रन बनाए।