ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम अपने आक्रामक अंदाज के लिए जानी जाती है। हालांकि, इसमें 2018 में हुए बॉल टैम्परिंग में विवाद के बाद थोड़ी कमी आई है, इसके बावजूद वे विपक्षियों को बहुत ज्यादा परेशान करने में विश्वास करते हैं। मर्व ह्यूज से लेकर ग्लेन मैक्ग्रा, ब्रेट ली और यहां तक कि शेन वॉर्न बल्लेबाजों को डराने का काम करते थे। भले ही ऑस्ट्रेलिया स्लेजिंग में उस्ताद थे, लेकिन वे भी एक बल्लेबाज को कभी भी छेड़ना पसंद नहीं करते थे। वो थे भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई फास्ट बॉलर ब्रेट ली ने खुलासा किया कि ऑस्ट्रेलियाई टीम सचिन के खिलाफ स्लेजिंग नहीं करना चाहती थी। ली ने कहा कि जब वे टीम में आए थे तो महान गेंदबाज मैक्ग्रा ने इसकी जानकारी उन्हें दी थी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले सचिन का मुकाबला मैक्ग्रा, वॉर्न और ब्रेट ली से हमेशा देखने लायक होता था। ज्यादातर मौकों पर मास्टर ब्लास्टर ने बाजी मारी थी। सचिन का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार रहता था। इसी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को उनसे डर भी लगता था।
सचिन के खिलाफ मैक्ग्रा को याद करते हुए ब्रेट ली ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, ‘‘हमेशा एक गेंदबाजी कप्तान होता है। जब मैं टीम में आया था तो यह जिम्मेदारी मैक्ग्रा निभा रहे थे। वे युवाओं को हमेशा नई जानकारियां देते थे। चाहे वो मिशेल जॉनसन हो या कोई और गेंदबाज। वे कहते थे कि गेंदबाजी के कारण दौरान सचिन से बात मत करना। अगर तुमने किया, तो दिन भर मुसीबत में रहोगे। यह हमारी टीम मीटिंग में होता था।’’
टेस्ट में सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 39 मैच में 55 की औसत से 3630 रन बनाए हैं। इस दौरान 11 शतक लगाए थे। एक दोहरा शतक सिडनी के मैदान पर लगाया था। वनडे मुकाबलों की बात करें तो उसमें भी तेंदुलकर का प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्होंने 71 मैच में 3077 रन बनाए हैं। इस दौरान सचिन के बल्ले से 9 शतक निकले थे।