दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज कौन है, इसे लेकर भले ही बहस होती रहती हो, लेकिन सचिन तेंदुलकर जैसा कोई नहीं है। प्रतिद्वंद्वी और प्रशंसक दोनों ही सचिन को समान रूप से सम्मान देते हैं और उनकी प्रशंसा करते हैं। यही नहीं, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान समेत दिग्गज बॉलीवुड हस्तियां भी उनका बहुत सम्मान करती हैं। महाराष्ट्र के बॉम्बे (अब मुंबई) 24 अप्रैल 1973 को जन्में सचिन तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं।

सचिन तेंदुलकर ने 16 मार्च 2012 को बांग्लादेश के खिलाफ एकदिवसीय मैच में अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक लगाया था। यहां सचिन तेंदुलकर के लिए क्रिकेटर्स से लेकर बॉलीवुड हस्तियों तक की टिप्पणियां दी गईं हैं, जो उन्होंने कभी न कभी दिग्गज भारतीय के लिए कहीं थीं। इसमें डॉन ब्रैडमैन, सुनील गावस्कर, कपिल देव, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, वसीम अकरम, मैथ्यू हेडन के नाम भी शामिल हैं।

डॉन ब्रैडमैन के समान

सर डॉन ब्रैडमैन ने कहा था, ‘मैंने उन्हें (सचिन) टेलीविजन पर खेलते हुए देखा और उनकी तकनीक से प्रभावित हुआ, इसलिए मैंने अपनी पत्नी को उनकी बल्लेबाजी देखने के लिए बुलाया। अब मैंने खुद को खेलते हुए कभी नहीं देखा, लेकिन मुझे लगता है कि यह खिलाड़ी उसी तरह खेल रहा है जैसा मैं खेलता था। मेरी पत्नी ने उसे टेलीविजन पर खेलते देखा और कहा कि हां, दोनों के बीच एक समानता है… कॉम्पैक्टनेस, तकनीक, स्ट्रोक प्रोडक्शन… यह सब एक जैसा लग रहा था।’

छोटे चैंपियन पर निर्भर भारत का भाग्य

भारत को पहली बार विश्व चैंपियन बनाने वाले कप्तान कपिल देव ने कहा था, ‘जिस तरह से उन्होंने भारत के सबसे महान खेल राजदूत की भूमिका निभाई है। उन्होंने अन्य चीजों के अलावा, एक पीढ़ी और उससे भी अधिक लोगों को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया है।’ सुनील गावस्कर ने कहा था, ‘भारत का भाग्य इस बात पर निर्भर करेगा कि छोटा चैंपियन कितने रन बनाता है।’

14 साल में भी बंगाली नहीं सीख पाये

सौरव गांगुली ने कहा था, ‘मेरे लिए वह सिर्फ एक महान खिलाड़ी और एक प्यारे इंसान के तौर पर ही याद नहीं रहेंगे, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर भी याद किए जाएंगे जिसने पिछले 14 वर्षों से बंगाली सीखने की कोशिश की, लेकिन कभी ऐसा नहीं कर पाया!’ एमएस धोनी ने कहा था, ‘मैंने पहले भी मजाक में कहा है कि इस बात की अच्छी संभावना है कि मैं तेंदुलकर से पहले संन्यास ले लूं।’

सचिन को देखने के लिए बिगबी ने टॉल दी थी शूटिंग

अमिताभ बच्चन ने कहा, ‘मैंने सचिन को बल्लेबाजी करते देखने के लिए कई बार अपनी शूटिंग टाली है।’ शाहरुख खान ने कहा, ‘मैं तहेदिल से आपका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि आपने हमें भी वैसी ही हवा में सांस लेने का मौका दिया जिसमें आप लेते हैं।’ पीटर रोबक ने कहा था, ‘शिमला से दिल्ली जाने के दौरान ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी थी। ट्रेन हमेशा की तरह कुछ मिनटों के लिए रुकी। सचिन 98 रन पर बल्लेबाजी करते हुए शतक के करीब थे। यात्री, रेलवे अधिकारी, ट्रेन में मौजूद हर कोई सचिन का शतक पूरा होने का इंतजार कर रहा था। यह जीनियस भारत में समय को रोक सकता है।’

‘सचिन जीनियस, मैं साधारण इंसान: ब्रायन लारा

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने कहा था, ‘मैंने भगवान को देखा है, वह भारत के लिए नंबर 4 पर बल्लेबाजी करते हैं।’ ब्रायन लारा ने कहा था, ‘सचिन एक जीनियस हैं। मैं एक साधारण इंसान हूं।’ विवियन रिचर्ड्स ने कहा था, ‘मुझे लगता है कि वह शानदार हैं। मुझे लगता है कि वह क्रिकेट की किसी भी श्रेणी में फिट बैठेंगे जो खेली गई है या खेली जाएगी, चाहे पहली गेंद फेंकी गई हो या आखिरी गेंद फेंकी गई हो।’

जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान एंडी फ्लावर ने कहा था, ‘दुनिया में दो तरह के बल्लेबाज हैं। एक सचिन तेंदुलकर। दूसरा बाकी सभी।’ रिची बेनो ने कहा था, ‘उन्होंने अपने शानदार, बेदाग अंदाज में क्रिकेट को परिभाषित किया है।’ शेन वॉर्न ने कहा था, ‘मैं रात को सोते समय यह सपना देखता रहूंगा कि सचिन अचानक विकेट की ओर दौड़ेंगे और मेरे सिर के ऊपर से छक्का जड़ देंगे।’

बैरी रिचर्ड्स ने कहा था, ‘सचिन क्रिकेट के भगवान हैं!’ इयान चैपल ने कहा था, ‘वह जितनी ज्यादा मेहनत करेंगे, उतना ही अधिक भाग्यवान होंगे।’ एंड्रयू सायमंड्स ने कहा, ‘सचिन— वह इंसान जो हम सभी बनना चाहते हैं।’ मार्क टेलर ने कहा था, ‘हम भारतीय टीम से नहीं हारे… हम सचिन नाम के व्यक्ति से हारे (चेन्नई में टेस्ट मैच के दौरान- 1997)।’

मैं सौभाग्यशाली जो सचिन मेरे समय खेले: वसीम अकरम

साल 1989 में सचिन की पहली टेस्ट सीरीज में इमरान खान (पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तत्कालीन कप्तान) ने तत्कालीन उप कप्तान जावेद मियांदाद से कहा था, ‘मुझे पता है कि नई गेंद आनी है, लेकिन मैं इसे उस ‘छोटू’ (सचिन) के लिए बचाकर रख रहा हूं जो अगले मैच में आ रहा है।’ वसीम अकरम ने कहा था, ‘सचिन जैसे क्रिकेटर जीवन में एक बार आते हैं और मैं सौभाग्यशाली हूं कि उन्होंने मेरे समय में खेला।’

वसीम अकरम ने 2012 में सचिन तेंदुलकर के 100वें शतक पर कहा था, ‘मुथैया मुरलीधरन के 800 विकेट के विश्व रिकॉर्ड को कोई याद नहीं रखता। सचिन ने भारत और क्रिकेट के लिए जो कुछ हासिल किया है, उसकी कद्र करें।’ ICC के तत्कालीन सीईओ हारून लोर्गट ने कहा था, ‘पूरी दुनिया उनके शतक का इंतजार कर रही थी, मैंने भी किया। यह दुनिया भर में खेल के लिए एक बड़ी कहानी है।’

रूडी कॉर्टजेन ने कहा था, ‘जब भी सचिन क्रीज पर होते हैं, मैं अंपायरिंग के दौरान कभी थकता नहीं हूं।’ हर्षा भोगले ने कहा, ‘क्रिकेट के मैदान पर तेंदुलकर को बल्लेबाजी करते देखने से बेहतर कोई दृश्य नहीं है।’