राहुल पांडे

आईसीसी विश्व कप 2023 में 17 अक्टूबर को साउथ अफ्रीका और नीदरलैंड्स के बीच मुकाबला होना है। यह मैच धर्मशाला स्थितच हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में भारतीय समयानुसार दोपहर दो बजे से खेला जाना है। हालांकि, इस पहाड़ी शहर में सोमवार यानी 16 अक्टूबर की सुबह से ही दिन भर बारिश होती रही।

आसपास के पहाड़ों पर सीजन की पहली बर्फबारी भी हुई। नतीजन धर्मशाला में सुबह होने से पहले ही भारी बारिश हुई। एचपीसीए स्टेडियम में दिन भर धूप की एक भी किरण नहीं दिखी। ग्राउंड स्टाफ सुपर-सॉपर्स के साथ कड़ी मेहनत कर रहे थे। अब यह देखना बाकी है कि 17 अक्टूबर 2023 को मैच के दौरान ‘औसत’ आउटफील्ड कैसी रहती है।

ऐसे में क्रिकेट प्रशंसकों के दिमाग में यही सवाल होगा कि क्या मैच हो पाएगा? हालांकि, मेजबान हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) ने विश्वास जाहिर किया है कि मैच पर कोई खतरा नहीं है। एचपीसीए के सचिव अवनीश परमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘अगले मुकाबलों के लिए भविष्यवाणी ठीक है और हम उनके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’

हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि आयोजन स्थल विश्व कप मुकाबलों के लिए सामान्य से अलग परिस्थितियों के लिए तैयार करने को लेकर समय कम था। उन्होंने बताया, ‘हमारी योजनाएं धर्मशाला में सामान्य मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थीं, लेकिन इस साल मानसून और सर्दी लंबी हो गई है, जिससे जमीनी तैयारी प्रभावित हुई है।’

धर्मशाला स्थित एचपीसीए क्रिकेट स्टेडियम ने अब तक दो विश्व कप खेलों की मेजबानी की है। इस स्टेडियम में रविवार 22 अक्टूबर को भारत बनाम न्यूजीलैंड का मैच खेला जाना है। इसके अलावा 28 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड का मुकाबला भी इसी मैदान पर खेला जाना निर्धारित है। यह पूछे जाने पर कि क्या मैचों को कहीं और स्थानांतरित करने की कोई संभावना है, अवनीश परमार ने दोहराया, ‘ऐसी कोई चिंता की बात नहीं है क्योंकि विश्व कप के सभी मैच शेड्यूल पर हैं और हम पूरी तरह से तैयार हैं।’

टेम्बा बावुमा ने जाहिर की नाखुशी

हालांकि, बारिश के कारण खराब आउटफील्ड और भी कीचड़मय हो गई है। मंगलवार को खेलने वाली दोनों टीमों ने इस मुद्दे को उठाया है। साउथ अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने सोमवार को कहा, ‘हां, इसे देखकर थोड़ी नाखुशी है। जब हमने कल रात अभ्यास किया, तो इसका हम पर इतना प्रभाव नहीं पड़ा।’

टेम्बा बावुमा ने कहा, मुझे नहीं पता कि (खेल के दौरान) अपनी डाइविंग तकनीक को बदलना आसान है या नहीं। लोगों को इस पर थोड़ा अधिक ध्यान देना होगा।’ नीदरलैंड्स के मुख्य कोच रेयान कुक ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘मैं आउटफील्ड के बारे में थोड़ा प्रसन्नता के साथ बोलूंगा क्योंकि शायद हमने जितने भी मैच खेले हैं उनमें से अधिकांश आउटफील्ड से यह बेहतर है।’

धर्मशाला की आउटफील्ड की पहले भी हो चुकी है आलोचना

यह पहली बार नहीं है कि खिलाड़ियों और कोचेस ने टूर्नामेंट के दौरान धर्मशाला की पिच और आउटफील्ड की आलोचना की है। अफगानिस्तान के मुख्य कोच जोनाथन ट्रॉट ने दावा किया था कि उनके स्पिनर मुजीब उर रहमान बेहद भाग्यशाली थे जो डाइव लगाने के बाद चोट से बच गए। उनका उनका घुटना टर्फ में फंस गया था। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने आउटफील्ड को ‘खराब’ और कुछ ऐसा करार दिया था जो ‘एक टीम के रूप में आप जो कुछ भी चाहते हैं उसके खिलाफ’ था।

पिछली बार धूप और साफ आसमान ने बचा लिया था

इंग्लैंड-बांग्लादेश मैच से पहले की रात भी भारी बारिश हुई थी तब आईसीसी ने आउटफील्ड को ‘औसत’ करार दिया था। हालांकि, साफ आसमान और धूप ने दिन बचा लिया। अब यह देखना बाकी है कि साउथ अफ्रीका और नीदरलैंड्स की भी ऐसी ही किस्मत रहती है या नहीं। अवनीश परमार कहते हैं, ‘ग्राउंड मेंटीनेंस एक सतत प्रक्रिया है। सूरज निकलने पर हर दिन यहां स्थितियों में सुधार होता है। पूर्वानुमान के अनुसार इसमें और सुधार होना चाहिए।’