भारत के पूर्व फर्स्ट क्लास क्रिकेटर रूसी कूपर का निधन 100 साल 229 दिन की उम्र में सोमवार सुबह दक्षिण बॉम्बे उनके केम्प्स कॉर्नर स्थित उनके आवास पर हो गया। उन्होंने पिछले साल 22 दिसंबर को अपना 100वां जन्मदिन मनाया था और वो वर्ल्ड में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले प्रथम श्रेणी क्रिकेटर बने थे। उन्होंने 1941-42 के बॉम्बे पेंटांगुलकर टूर्नामेंट के जरिए अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। वहीं इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 1943-44 और 1944-45 में मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी में बॉम्बे का प्रतिनिधित्व किया था। इसके अलावा उन्होंने 1949 और 1951 के बीच काउंटी क्रिकेट में मिडलसेक्स टीम के लिए भी खेला था।

रूसी कूपर का फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर

रूसी कूपर ने अपने क्रिकेट करियर में कुल 22 प्रथण श्रेणी मुकाबले खेले थे और उन्होंने 1944,45 के रणजी ट्रॉफी फाइनल में होल्कर के खिलाफ बॉम्बे टीम (जिसे आज मुंबई के नाम से जाना जाता है) के लिए शतक लगाया था। उन्होने ब्रेबॉर्न स्टेडियम में फाइनल मैच की दो पारियों में 52 रन और 104 रन की पारी खेली थी।
कूपर का भारत में पहला प्रथम श्रेणी सीजन (1944-45) काफी प्रभावशाली रहा था, जिसमें उन्होंने 91.83 की औसत से दो शतक और पांच अर्धशतकों के साथ 551 रन बनाए थे। महज 23 साल की उम्र में, वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स चले गए और बाद में 1947 में प्रसिद्ध खिलाड़ियों के साथ मिडलसेक्स काउंटी टीम के लिए भी खेले।

बीसीसीआई के अंपायर मार्कस कूटो ने उनके बारे में बात करते हुए कहा कि रूसी के बार 12 पुराने क्रिकेटरों का एक ग्रुप था और वो गुरुवार दोपहर को क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में नियमित रूप से मिलते थे, लेकिन टीके कॉन्ट्रैक्टर के निधन के बाद ये बैठकें बंद हो गईं। इस ग्रुप में उनके अलावा विजय मर्चेंट, आनंदजी दोसा, नारी कॉन्ट्रैक्टर, बापू नाडकर्णी, फारुख बरुचा, रूसी मोदी, माधव आप्टे, अरविंद आप्टे, वसंत रायजी और मदन रायजी शामिल थे। कूटो ने कहा कि मुझे याद है कि कुछ मौकों पर सचिन तेंदुलकर जो कि उस समय एक स्कूली छात्र थे उनके साथ उस बैठक में मिठाई खाने के लिए शामिल हुए थे।

कूपर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की और लिंकन इन में बैरिस्टर बन गए। वह 1954 में भारत लौट आए, लेकिन कार्य प्रतिबद्धताओं के कारण वह प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेल सके। हालाँकि, वह स्थानीय टूर्नामेंटों में सक्रिय रहे। उन्होंने कई वर्षों तक बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने 22 फर्स्ट क्लास मैचों में 52.39 की औसत के साथ 1205 रन बनाए थे जिसमें 3 शतक शामिल थे और उनका बेस्ट स्कोर नाबाद 127 रन रहा था।