वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप 2023 के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाई थी तब कैरेबियाई क्रिकेटर्स के निष्ठा पर सवाल उठे थे। वेस्टइंडीज क्रिकेट के पतन का कारण खिलाड़ियों का इंटरनेशनल क्रिकेट की जगह फ्रेंचाइजी क्रिकेट को प्राथमिकता देना बताया गया था। सवाल उठा क्योंकि टीम वर्ल्ड कप में जगह नहीं बना पाई। भारतीय क्रिकेट में भी यह समस्या है, लेकिन इसकी बात नहीं होती, क्योंकि प्रदर्शन आकलन का एकमात्र पैमाना है।

अगर भारतीय टीम में यह समस्या नहीं है तो टी20 क्रिकेट में पिछले 2 साल में 7 कप्तान कैसे बदल गए? ऋतुराज गायकवाड़ जैसे खिलाड़ी टीम का नेतृत्व कर चुके हैं। हालांकि, यह तय नहीं है कि वह आगे 15 में होंगे? भारतीय क्रिकेट में बदलाव इतना हो रहा है कि हर सीरीज में खिलाड़ी डेब्यू करते हैं। हर सीरीज में कप्तान बदलता है।

7 में 5 खिलाड़ी टीम का हिस्सा नहीं

टीम 2006 में पहली बार टी20 खेली थी। 2017 तक सिर्फ 6 खिलाड़ियों ने कमान संभाली, लेकिन 2021 से 2023 के बीच 7 खिलाड़ी टीम की कमान संभाल चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि 7 में 5 खिलाड़ी टीम का हिस्सा नहीं हैं। शिखर धवन टीम से बाहर चल रहे हैं। ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या चोटिल हैं। केएल राहुल और जसप्रीत बुमराह टीम का हिस्सा नहीं हैं। ऋतुराज गायकवाड़ और सूर्यकुमार यादव टीम का हिस्सा हैं। इनमें से ऋतुराज की टीम में जगह पक्की है या नहीं यह कहना मुश्किल है।

बदलाव के कारण टीम इंडिया के बड़े खिलाड़ी

बदलाव के कारण टीम इंडिया के बड़े खिलाड़ी हैं। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी, जो इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) में एक मैच में बेंच पर नहीं बैठते, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में वर्कलोड मैनेजमेंट होता है। हद तो तब हो गई जब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 में टीम ऑस्ट्रेलिया से हारी। रोहित शर्मा ने इसके लिए तैयारियों के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने का बहाना बनाया। अगर तैयारी करनी थी तो टेस्ट मैच के लिए चुने गए खिलाड़ी आईपीएल से ब्रेक लेकर इंग्लैंड जा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

टी20 वर्ल्ड कप के बाद से टी20 क्रिकेट नहीं खेले खिलाड़ी

वर्ल्ड कप 2023 में टीम इंडिया लगातार 10 मैच जीती, लेकिन फाइनल हारी। रोहित शर्मा और विराट कोहली की खूब तारीफ हुई। दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया। अब बहस इस पर है कि दोनों खिलाड़ियों को टी20 वर्ल्ड कप में मौका मिलना चाहिए या नहीं। टी20 वर्ल्ड कप 2022 में भारतीय टीम सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हारी थी। इसके बाद से दोनों खिलाड़ी टी20 क्रिकेट नहीं खेले हैं। वनडे वर्ल्ड कप 2023 से पहले बात हो रही थी कि टी20 में टीम इन दोनों पर विचार नहीं करेगी।

हर सवाल के लिए बहाना तैयार

हालांकि, यह कभी भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) या इंडियन टीम मैनेजमेंट ने नहीं कहा। चयन की बात आएगी तब यह कहकर विराट और रोहित को आसानी से चुन लिया जाएगा कि वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण दोनों खिलाड़ी नहीं खेले। सात कप्तानों को आजमाने पर शेड्यूल और खिलाड़ियों के चोटिल होना कारण बताया जा सकता है, लेकिन इस दौरान यह भी देखा जाना चाहिए कि दोनों खिलाड़ी कितनी सीरीज में उपलब्ध हो सकते थे, क्योंकि अगर रोहित खेलते तो कप्तानों की संख्या अपने आप कम हो जाती।

20 दिन का ब्रेक पर्याप्त नहीं

टी20 वर्ल्ड कप में चुनना है तो दोनों खिलाड़ियों को साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 और वनडे टीम में चुनना चाहिए थे। वर्ल्ड कप 19 नवंबर को समाप्त हो गया था। अफ्रीका दौरा 10 दिसंबर से शुरू होना है। क्या 20 दिन का ब्रेक पर्याप्त नहीं है? यही नहीं वेस्टइंडीज दौरे से पहले आराम के लिए लगभग 1 महीने का समय मिला था। इसके बाद भी दोनों खिलाड़ी टी20 टीम में नहीं चुने गए थे। वनडे सीरीज में भी नहीं खेले। एक महीने में 2 टेस्ट, 3 वनडे और 5 टी20 खेलने थे।

हार्दिक पंड्या के लिए चोट समस्या

टी20 वर्ल्ड कप 2022 के बाद से हार्दिक पंड्या ने ज्यादातर मौकों पर इस फॉर्मेट में टीम का नेतृत्व किया। उनके लिए चोट समस्या है। फिलहाल वह चोटिल हैं। साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में नहीं खेलेंगे। अफगानिस्तान के खिलाफ सीरीज में भी वह शायद ही खेलेंगे। इस बीच, रोहित शर्मा और विराट कोहली को लेकर बहस छिड़ी हुई है।

वर्ल्ड कप में सीधे कैसे मिल सकता है मौका?

भारतीय क्रिकेट कद से चलता है और रोहित और विराट जैसे खिलाड़ियों का कद इतना बड़ा है कि टी20 वर्ल्ड कप की टीम में इनका नाम खुद लिख जाएगा। बहस 13 खिलाड़ियों के चयन पर होगी। अगर कोई खिलाड़ी साल डेढ़ साल नहीं खेलता है तो वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में टीम का हिस्सा कैसे हो सकता है? हिस्सा होना छोड़िए वह टीम का नेतृत्व कैसे कर सकता है? वह खिलाड़ियों के साथ या खिलाड़ी उसके साथ तालमेल कैसे बनाएंगे?

कद नहीं फॉर्म देखकर चयन होना चाहिए

क्या इशान किशन, यशस्वी जायसवाल, रिंकू सिंह और जितेश शर्मा जैसे खिलाड़ी द्विपक्षीय सीरीज के लिए बने हैं। क्या उनका प्रदर्शन कोई मायने नहीं रखता? अगर इन युवा खिलाड़ियों का आकलन प्रदर्शन पर होता है तो चयन का आधार भी प्रदर्शन होना चाहिए। कद नहीं फॉर्म देखकर चयन होना चाहिए। टी20 फॉर्मेट में विराट और रोहित पर विचार नहीं होना चाहिए।