रोहित शर्मा और विराट कोहली की वनडे क्रिकेट में भविष्य को लेकर अटकलों के बीच भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने कहा कि इन दोनों दिग्गजों ने गलत प्रारूप से संन्यास ले लिया। मौजूदा समय में वनडे क्रिकेट के अभाव को देखते हुए उन्हें टेस्ट क्रिकेट की बजाय 50 ओवर के प्रारूप को अलविदा कहना चाहिए था।
कप्तान शुभमन गिल की अगुआई में भारत ने इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज को 2-2 से ड्रॉ कराया। इसके कुछ दिनों बाद, ऐसी खबरें आने लगीं कि रोहित और विराट वनडे से भी संन्यास ले सकते हैं। रिपोर्ट्स आईं कि दोनों ही खिलाड़ियों को 2027 वनडे विश्व कप की योजनाओं में बने रहने के लिए मैच फिटनेस और फॉर्म साबित करने के लिए घरेलू 50 ओवर का क्रिकेट खेलना होगा। दोनों क्रिकेटर ने मई में भारत के इंग्लैंड दौरे से पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।
गलत फॉर्मेट को अलविदा कह दिया
आकाश चोपड़ा ने यूट्यूब पर कहा, “सच्चाई यह है कि उन्होंने गलत फॉर्मेट को अलविदा कह दिया है। उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद टी20 छोड़ दिया था, लेकिन अगर वे टेस्ट खेलना जारी रखते और वनडे को अलविदा कह देते तो कहानी अलग हो सकती थी। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले 12 महीनों में भारत ने सिर्फ छह वनडे मैच खेले थे।”
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अभ्यास नहीं कर रहे
आकाश चोपड़ा ने कहा, “ऐसी संभावना है कि आप एक साल में सिर्फ छह टेस्ट मैच खेलें, लेकिन अगर ये सिर्फ छह टेस्ट मैच भी होते हैं तो ये 30 दिन का क्रिकेट होगा। अगर सिर्फ छह वनडे मैच खेले जाते हैं तो ये एक समयावधि में सिर्फ छह दिन का क्रिकेट होगा। आपके आखिरी आईपीएल मैच से लेकर अगले वनडे मैच तक 100 दिन से ज्यादा का समय लगेगा। आप बिल्कुल भी नहीं खेल रहे हैं। आप बिल्कुल भी अभ्यास नहीं कर रहे हैं।”
कोहली-रोहित के लिए लय में बने रहना आसान नहीं
आकाश चोपड़ा ने यह भी कहा कि इन दिनों एकदिवसीय श्रृंखलाओं के बीच अंतराल भी बहुत ज्यादा है और केवल कुछ एकदिवसीय मैच खेलने के फॉर्म, फिटनेस, डाइट के प्रति प्रतिबद्धता आदि को बनाए रखना मुश्किल होगा। तीन मैचों की सीरीज सात से आठ दिनों में खत्म हो जाती है। फिर अगली सीरीज तीन महीने बाद होगी। अंतराल बहुत ज्यादा है और आप बीच में प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेलेंगे। यह सच है कि अगर वे टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखते और वनडे छोड़ देते तो लय में बने रहना बहुत आसान होता।”
बहुत-बहुत मुश्किल
आकाश चोपड़ा ने कहा, “जब आप टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हों और वनडे क्रिकेट ज्यादा न खेला जाए तो इसका कोई खास मतलब नहीं बनता। इसलिए सिर्फ दो महीने का जबरदस्त आईपीएल, जहां आपको 14 से 16 पारियां खेलने को मिलेंगी और फिर छह महीने बाद तीन मैच और फिर तीन महीने बाद तीन मैच। मुझे लगता है कि यह बहुत-बहुत मुश्किल है।”