न्यूजीलैंड के खिलाफ बुधवार, 15 नवंबर को सेमीफाइनल से पहले मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रोहित शर्मा काफी सहज दिखे। जवाब देते हुए एक बार भी नहीं लगा कि उन पर कोई दबाव है। रोहित शर्मा से पेचिदा सवाल हुआ कि क्या यह सबसे प्रभावशाली भारतीय वनडे टीम है? इसका स्पष्ट उत्तर हां है, लेकिन सीधी बात करने वाले रोहित ने भी सावधानी से बयान दिया।
रोहित शर्मा रुके और विचार करने के बाद धीरे से बोले, “मैं 2011 टीम का हिस्सा नहीं था। मैं नहीं जानता कि कौन सी टीम बेहतर है। यह बताना काफी मुश्किल है। मैं यह नहीं कह सकता कि 2019 से 2023 बेहतर है या नहीं।” इसके बाद उन्होंने एक कप्तान के तौर पर इस टीम के बारे में बताया।
रोहित शर्मा का चतुराई भरा जवाब
रोहित शर्मा ने कहा, “मैं जो कह सकता हूं वह यह है कि इस विश्व कप की टीम में खिलाड़ियों की भूमिका स्पष्ट है।” रोहित ने काफी चतुराई से 2019 को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि 2019 में भूमिका स्पष्ट नहीं थी। बस मैं तब मैनेजमेंट का हिस्सा नहीं था। मैं कहूंगा कि जिन टीमों का मैं हिस्सा था वे सभी टीमें प्रभावी थीं।”
फाइनल खेलने पर रोहित शर्मा को संदेह नहीं
इसके बाद वह खिलाड़ियों की स्पष्ट भूमिका पर लौटे, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की कुछ बातें ध्यान देने लायक थीं। कम से कम तीन बार उन्होंने विश्व कप फाइनल का जिक्र किया। ऐसा लग रहा था जैसे उनके मन में कोई संदेह नहीं है कि भारत 19 नवंबर को फाइनल खेलेगा। रोहित शर्मा की बातों से एक बार भी नहीं लगा कि उन्होंने न्यूजीलैंड का अनादर किया या घमंड दिखाया। उन्होंने कीवियों की सराहना भी की। उसे हाल के वर्षों की सबसे अनुशासित टीम बताया। फाइनल का जिक्र उन्होंने प्रॉसेस और वर्ल्ड कप में अपने सफर को बताने के दौरान किया।
रोहित शर्मा ने फाइनल का तीन बार जिक्र किया
रोहित शर्मा ने कहा, ” पहले क्वालिफाइंग स्टेज से गुजरना, फिर सेमीफाइनल और फिर फाइनल। कुछ प्रक्रियाएं हैं, जिससे आपको गुजरना होता है।” उन्होंने अपने सफर के बारे में बात करते हुए कहा, “ईमानदारी से कहूं तो, उस सब के बारे में सोचने का समय नहीं है। अभी टीम के लिए काम करने का वक्त है। शायद 19 नवंबर (फाइनल का दिन) के बाद, मैं सोच सकता हूं। हम जानते हैं कि यह सप्ताह कितना महत्वपूर्ण है।” उन्होंने दबाव से निपटने की बात करते हुए कहा, “हम सिर्फ बेहतर क्रिकेट खेलना चाहते थे। अगले दो मैचों में भी हमारा ध्यान इसी पर है।”
पूरा दिन सोच के भी क्या हो जाएगा?
रोहित शर्मा से जब पूछा गया कि क्या क्रिकेट से जुड़ी बातों के कारण उनकी रातों की नींद हराम होती है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ” चलता है, लेकिन मैं अकेले नहीं हूं। परिवार मेरे साथ है। ऐसे में मैं व्यस्त रहता हूं। कमरे में जाते ही हम क्रिकेट से दूरी बना लेते हैं। अगर क्रिकेट के बारे में न सोचने का मौका मिले तो ऐसा करना चाहिए।” फिर रोहित ने बेफिक्रे का वाला जवाब दिया। उन्होंने कहा, ” पूरा दिन सोच के भी क्या हो जाएगा।”