टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा का अंतरराष्ट्रीय करियर आज 16 साल का हो गया है। रोहित ने 23 जून 2007 को आयरलैंड के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। रोहित को वनडे के जरिए इंटरनेशनल डेब्यू करने का मौका मिला था। रोहित का डेब्यू राहुल द्रविड़ की कप्तानी में हुआ था और आज रोहित शर्मा राहुल द्रविड़ की ही कोचिंग में टीम इंडिया के कप्तान हैं। हिटमैन के नाम से मशहूर हो चुके रोहित शर्मा ने अपने करियर में ऐसी ढेर सारी उपलब्धियां हासिल की हैं।
डेब्यू में बैटिंग का नहीं मिला था मौका
रोहित शर्मा ने जिस वक्त इंटरनेशनल डेब्यू किया था तो उस वक्त रोहित की उम्र 20 साल से भी कम थी। मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट खेलकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचे रोहित को डेब्यू मैच में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था। आयरलैंड के खिलाफ जिस मैच में रोहित का डेब्यू हुआ था उसे भारत ने आसानी से 9 विकेट से जीत लिया था। रोहित को इस दौरे पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला मैच खेलने का मौका मिला था और उस मैच में रोहित सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे थे, जिसमें उन्होंने 8 रन की पारी खेली थी।
रोहित के इंटरनेशनल आंकड़े
36 साल के हो चुके रोहित शर्मा अब कहीं न कहीं अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं। 16 साल के करियर में रोहित शर्मा 441 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं, जिसमें उनके नाम 43 अंतरराष्ट्रीय शतक और 17,115 रन हैं। रोहित शर्मा 243 वनडे खेल चुके हैं, जिसमें 48.63 की औसत से उन्होंने 9825 रन बना लिए हैं। वनडे में रोहित के नाम 30 शतक हैं। वहीं टेस्ट में रोहित 50 मैचों की 85 पारियों में 3437 रन बना चुके हैं। टेस्ट में रोहित का औसत 45.22 का है। टेस्ट में रोहित शर्मा के 9 शतक हैं।
रोहित को खलती है यह कमी
इस शानदार करियर के बाद भी रोहित को अभी भी अपनी टीम को आईसीसी ट्रॉफी जिताने की कमी खल रही है। रोहित को आईसीसी ट्रॉफी जिताने के 2 मौके मिले हैं और दोनों मौके भारत ने गंवाए हैं। अब रोहित के पास अपनी कप्तानी में आईसीसी ट्रॉफी जिताने का आखिरी मौका इस साल होने वाला वर्ल्ड कप है। 10 साल से भारत ने आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है।
रोहित का डेब्यू एक्सपीरियंस
राहुल द्रविड़ ने जब कोच के तौर पर जिम्मेदारी संभाली थी, तब रोहित ने मीडिया को बताया था, ‘‘2007 की बात है जब मेरा चयन हुआ था, पहली बार मुझे बेंगलुरू में एक शिविर में उनसे (द्रविड़) बातचीत करने का मौका मिला था। ’’ उन्होंने कहा था, ‘‘यह बहुत छोटी सी बातचीत थी, लेकिन मैं बहुत नर्वस था और मैं अपनी उम्र के लोगों से भी इतना बात करने का आदि नहीं था। मैं चुपचाप अपना काम कर रहा था और अपने खेल में आगे बढ़ रहा था। आयरलैंड में उन्होंने आकर मुझे बताया कि तुम यह मैच खेल रहे हो और मैं निश्चित रूप से काफी खुश था। तब मुझे ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बनना सपने की तरह लगा था। ’’