वेंकट कृष्ण बी। विजय हजारे ट्रॉफी के पहले राउंड में दिल्ली ने आंध्र पर शानदार जीत हासिल की। इसके तुरंत बाद टीम के कप्तान ऋषभ पंत ओपन नेट सेशन के लिए सेंटर विकेट पर गए। सभी की निगाहें रोहित शर्मा और विराट कोहली पर हैं, लेकिन पंत जानते हैं कि यह टूर्नामेंट उनके व्हाइट-बॉल करियर के लिए कितना जरूरी है, जहां वह अभी बीच मझधार में फंसे हुए हैं। वनडे में वह केएल राहुल के बैकअप हैं और टी20 वर्ल्ड कप 2026 को दूर से ही देखते मिलेंगे क्योंकि इशान किशन ने दूसरे विकेटकीपर की जगह ले ली है।

पंत बुधवार (24 दिसंबर) को लगभग शाम 4.30 बजे बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में बल्लेबाजी के लिए उतरे और अगले एक घंटे या उससे ज्यादा समय तक उन्होंने शानदार बैटिंग की। बाकी साथी ड्रेसिंग रूम में कोहली के साथ समय बिता रहे थे तब पंत बीच मैदान में छक्के लगा रहे थे। दिल्ली के कोचिंग स्टाफ का एक सदस्य साइड-आर्म से व्हाइट बॉल फेंक रहा था और ऑफ स्पिनर ऋतिक शौकीन बॉलिंग कर रहे थे। वह अपने गेम की पेस को सेट करने की कोशिश कर रहे थे।

पंता ने मैदान के हर कोने में शॉट लगाए

पंत ने एक जोरदार शॉट लगाया। फिर कुछ गेंदों को हल्के हाथ से खेला। इसके बाद आगे निकलकर लॉन्ग-ऑन या कवर्स के ऊपर से गेंद को बाउंड्री के पार भेज दिए। वह अपने बेखौफ रैंप शॉट और रिवर्स-स्वीप भी खेलते दिखे। उन्होंने मैदान के हर कोने में शॉट लगाए, जिससे अकेला बॉल बॉय हांफने लगा और पानी ढूंढने लगा। उन्होंने कुछ बड़े शॉट मारे जो सीधे मेन ग्राउंड में चले गए। इसके बाद उन्होंने सीओई स्टाफ से गुजारिश करते हुए कहा, “भैया…बस एक बार और। सच में, मैं उधर वापस नहीं मारूंगा…।” उन्होंने अगली गेंद भी उसी दिशा में मार दिया। पंत को इस तरह के बैटिंग मूड में देखकर स्टाफ ने हार मान लिया।

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खुद पर गुस्साए पंत

पंत की प्रैक्टिस लंबी होते देख दिल्ली के कोच सरनदीप सिंह मैदान पहुंचे और बॉल बॉय और स्टाफ को ग्राउंड से गेंद लाने में मदद की। वह बार-बार घड़ी की तरफ इशारा कर रहे थे, लेकिन पंत ने उनकी बात नहीं मानी। वह कहते, “आखिरी 10 गेंदें।” फिर शौकिन ने अकेले ही कुछ ओवर गेंदबाजी। ऑफ-स्पिनर और पंत के बीच हल्की-फुल्की नोकझोंक शुरू हो गई थी। शौकिन को उन्होंने स्वीप शॉट खेलने का प्रयास किया। इस दौरान कुछ मिस-हिट हुए। इससे पंत ने खुद से चिल्लाया, “कमॉन यार, मत करो। गेंद देखो, सीधा खेलो।”

पंत जानते हैं कमजोरी

पंत की आवाज में निराशा और हताशा दोनों थी। पंत जानते हैं कि किस चीज ने उन्हें व्हाइट-बॉल क्रिकेट में सफल होने से रोका है। जब वह पिछले सीजन में आईपीएल में संघर्ष कर रहे थे तो वह विकेट के पीछे शॉट खेलने की कोशिश में आउट हो रहे थे। हालांकि, रैंप और स्कूप टेस्ट में पंत की बैटिंग रेंज के लिए फायदेमंद रहे हैं, लेकिन व्हाइट-बॉल क्रिकेट में अलग-अलग फील्ड प्लेसमेंट के कारण यह काम नहीं आया है।

संजय बांगर ने बताई थी पंत की कमी

भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने आईपीएल के दौरान पंत को लेकर कहा था, “हमें यह मानना ​​होगा कि वह अभी भी व्हाइट-बॉल गेम दोनों फॉर्मेट 50-ओवर और टी20 क्रिकेट को पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं। आप ऋषभ की सबसे अच्छी पारियां निकाल कर देखिए। उन्होंने रन बनाने की कोशिश कहां की है? कवर्स से ड्राइव, पिच पर आगे बढ़कर साइटस्क्रीन पर मारने की कोशिश या मिडविकेट, स्क्वायर के ऊपर से शॉट लगाए हैं। मुझे लगता है कि एक बैट्समैन के तौर पर शायद वह कन्फ्यूज हैं और भूल गए हैं कि वह डाउन द ग्राउंड रन बनाने की कोशिश करने पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं।”

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श्रेयस अय्यर के न होने पर भी नहीं मिला मौका

ऋषभ पंत इस कमी को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे के दौरान भी उन्होंने नेट्स में सीधे खेलने की कोशिश की। अपने वनडे डेब्यू के आठ साल बाद उन्होंने सिर्फ 31 मैच खेले हैं। उनका आखिरी मैच अगस्त 2024 में था। जब श्रेयस अय्यर उपलब्ध नहीं थे तब साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे में भारतीय टीम मैनेजमेंट ने नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए ऋतुराज गायकवाड़ को चुना। इससे पता चलता है कि पंत कहां खड़े हैं।

पंत एक्स-फैक्टर

राहुल के फर्स्ट-चॉइस कीपर होने की वजह से पंत जानते हैं कि आने वाली न्यूजीलैंड सीरीज के लिए चर्चा में आने के लिए भी उन्हें बड़े स्कोर बनाने होंगे। विजय हजारे ट्रॉफी में ऐसा करने का सबसे अच्छा मौका है। भारतीय टीम में दाएं हाथ के खिलाड़ियों से भरी है, ऐसे में पंत जगह बना सकते हैं। फिलहाल भारत बाएं हाथ के ऑप्शन के तौर पर अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा को आजमा रहा है। साउथ अफ्रीका में 2027 वर्ल्ड कप के लिए इस स्टेज पर राहुल की जगह पक्की लग रही है, लेकिन पंत के एक्स-फैक्टर की जरूरत होगी। पंत बाएं हाथ के बल्लेबाज होने के साथ-साथ, फ्लोटर और 360-डिग्री बल्लेबाज हैं। वह पेस और स्पिन दोनों के खिलाफ बराबर आक्रामक बल्लेबाजी कर सकते हैं। पंत के पास सबकुछ है, बस रन नहीं बने हैं।