ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट की पहली पारी में शतक लगाया। यह उनका देश में पहला टेस्ट शतक है। पंत का यह शतक ऐसे समय आया है, जब मुश्किल पिच पर अन्य भारतीय बल्लेबाजों को रन जुटाने में मुश्किल हो रही थी। 23 साल के इस खिलाड़ी ने जबरदस्त जज्बा दिखाते हुए क्रीज पर जमने में समय लिया और फिर आक्रामक शॉट्स खेले। उन्होंने डॉम बेस की गेंद पर छक्का जड़कर अपना शतक पूरा किया।
मैच के बाद उन्होंने अपनी शानदार पारी का राज बताया। उन्होंने कहा, ‘जब मैं बल्लेबाजी के लिए रोहित के साथ क्रीज पर था तो योजना एक भागीदारी बनाने की थी, मेरे दिमाग में सिर्फ यही चीज थी। मैं सोच रहा था कि पिच को देखकर ही अपने शॉट्स खेलूंगा।’ पंत ने कहा, ‘अगर गेंदबाज अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं तो उनका सम्मान करो और एक-एक रन बनाओ, मेरे दिमाग में यही था। मैं मैच की स्थिति के हिसाब से खेलना चाहता हूं और फिर गेंद को देखकर ही शॉट लगाता हूं – यही मेरे खेल की खासियत है।’
पंत ने सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (49 रन) के साथ 41 रन की साझेदारी के बाद वाशिंगटन सुंदर (60 रन बनाकर खेल रहे हैं) के साथ 113 रन की साझेदारी निभाई। पंत ने कहा, ‘टीम की योजना इंग्लैंड के कुल स्कोर 206 रन तक पहुंचने की थी और फिर एक बल्लेबाजी इकाई के तौर पर जितने ज्यादा रन जोड़ सकें, बनाने की थी।’
इस बीच, रोहित शर्मा ने इस तरह की पारी के दौरान यदि पंत कभी असफल रहते हैं तो उन्हें निशाना नहीं बनाने की सलाह दी। रोहित ने कहा, ‘ऐसा भी समय हो सकता है, जब बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में वह आउट होंगे। मैं नहीं चाहता कि इससे कोई निराश हो। वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो ऐसी पारी खेलते हैं जिससे टीम एक घंटे के अंदर मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकल आती है।’
पंत ने 118 गेंद में 101 रन की पारी के दौरान 13 चौके और दो छक्के लगाए। जेम्स एंडसरसन की गेंद पर लगाया गया रिवर्स स्वीप शॉट दिन का उनका सबसे बेहतरीन शॉट था। स्टम्प के बाद जब इस स्ट्रोक के बारे में पूछा गया तो पंत ने कहा, ‘आपको रिवर्स फ्लिक के लिए पहले से योजना बनानी होती है, लेकिन अगर भाग्य आपके साथ है तो आप जोखिम ले सकते हो।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे ज्यादातर समय पर ऐसा करने के लिए मौका मिल जाता था, लेकिन मुझे मैच की परिस्थिति को देखकर ही आगे बढ़ना था। मैं टीम को जीतते हुए देखना चाहता हूं। ऐसा करते हुए अगर दर्शकों का मनोरंजन हो जाए तो मैं खुश हूं।’