देवेंद्र पांडे। भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए फिट होने के लिए सरफराज खान खास तैयारी कर रहे हैं। वह ऋषभ पंत के सुझाव पर एक शेफ की सेवाएं ले रहे हैं। सूर्यकुमार यादव ने इंडियन एक्सप्रेस को सरफराज के ऑस्ट्रेलिया में लगभग दो महीने लंबी पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए फिट होने के लिए एफर्ट के बारे में बताया।

सूर्यकुमार यादव ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “भारतीय टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच के साथ सरफराज अपनी फिटनेस पर काम कर रहे हैं और ऋषभ (पंत) ने उन्हें एक शेफ मुहैया कराया है, जो उनके खाने का ख्याल रख रहा है। मकसद यह है कि जब वह ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए पहुंचे, तब तक उनका शरीर बेहतर स्थिति में हो। इस खेल में फिटनेस बहुत जरूरी है, जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ेगी, शरीर में बदलाव आएगा। वह अभी कड़ी मेहनत कर रहे हैं, भविष्य में वह फिट रहेंगे।”

सूर्यकुमार ने क्या कहा?

अतीत में सरफराज अपनी फिटनेस को लेकर आलोचनाओं का शिकार हो चुके हैं और सूर्यकुमार ने बताया कि यह एक अनुचित धारणा है। उन्होंने कहा, “उनके शरीर के बनावट के कारण वे मोटे दिखते हैं, लेकिन अगर आप उनसे 450 गेंदें खेलने, दोहरा शतक, तिहरा शतक, डैडी सेंचुरी बनाने के लिए कहें, तो उनमें वह हुनर ​​है। मुझे लगता है कि टीम की भी यही मांग है कि वे बड़े शतक बनाएं, मैच बदलने वाली पारियां खेलें… मैंने उन्हें मैच के दिन भी अभ्यास छोड़ते नहीं देखा। अगर कोई मैच होता है, तो वे सुबह 5 बजे उठ जाते हैं, अपने घर के पास एक घंटे तक बल्लेबाजी करते हैं और फिर टीम बस में आते हैं। खेल के बाद वे पास के मैदान में जाते हैं और फिर से बल्लेबाजी करते हैं।”

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फैशन शो में जाकर मॉडल ढूंढ़िए

पिछले साल भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने सरफराज का समर्थन किया था और मोटापे को लेकर सवाल उठाने वालों भड़क गए थे। इंडिया टुडे के अनुसार गावस्कर ने कहा था, “अगर आप सिर्फ दुबले-पतले और तंदुरुस्त लड़कों की तलाश में हैं, तो किसी फैशन शो में जाकर मॉडल ढूंढ़िए और उनके हाथों में बल्ला और गेंद थमाकर उन्हें बेहतर बनाइए। क्रिकेट में ऐसा नहीं होता। आपके पास हर शेप और साइज के क्रिकेटर हैं। साइज के हिसाब से मत जाइए, स्कोर या विकेट के हिसाब से जाइए।”

क्रिकेट फिटनेस सबसे महत्वपूर्ण

गावस्कर ने कहा था, “जब ​​वह शतक बनाता है तो वह मैदान से बाहर नहीं रहता। वह फिर से मैदान पर वापस आ जाता है। तो, इससे आपको यही पता चलता है कि वह आदमी फिट है। क्रिकेट फिटनेस सबसे महत्वपूर्ण चीज है। यो-यो टेस्ट एकमात्र मानदंड नहीं हो सकता। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि व्यक्ति क्रिकेट के लिए भी फिट है। अगर व्यक्ति, चाहे वह कोई भी हो, क्रिकेट के लिए फिट है, तो मुझे नहीं लगता कि इससे कोई फर्क पड़ता है।”