बैडमिंटन के लिहाज से पिछले तीन ओलंपिक भारत के लिए बेहद खास रहे हैं। साइना नेहवाल बीजिंग ओलंपिक में टॉप आठ में जगह बना पाईं थी।  2012 में साइना ने लंदन ओलंपिक में बैडमिंटन में भारत को पहला मेडल दिलाया। 2016 रियो ओलंपिक में इस सफलता को आगे बढ़ाते हुए सिंधू ने फाइनल में पहुंच कर सिल्वर मेडल पक्का कर लिया है। इन दोनों शीर्ष महिला खिलाड़ी के अलावा पी कश्यप और श्रीकांत नें भी अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया है। ये दोनों खिलाड़ी भी ओलंपिक में क्वार्टरफाइनल में जगह बना चुके हैं। बैडमिंटन भारत के बढ़ते रुतबे के पीछे एक नाम काम कर रहा है। वो नाम है इन सभी खिलाड़ियों के कोच पुलेला गोपीचंद का। गोपीचंद भारतीय बैडमिंटन के द्रोणाचार्य बन चुके हैं। भारतीय बैडमिंटन दल के राष्ट्रीय कोच गोपीचंद हैदराबाद में बैडमिंटन एकेडमी चलाते हैं। इसी एकेडमी से प्रशिक्षित होकर बैडमिंटन खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का गौरव बढ़ा रहे है। गुरुवार को जब सिंधू सेमीफाइनल जीतने के बाद ट्विटर पर ट्रैंड कर रही थी तब गोपीचंद के नाम पर भी कई लोग ट्वीट कर रहे थे।

राजदीप सरदेसाई ने गोपीचंद को भारतीय खेलों के लिए द्रोणाचार्य बताया है।

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गोपीचंद स्वयं बैडमिंटन के जाने-माने खिलाड़ी रह चुके हैं। साल 2001 में उन्होंने ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप जीती थी। प्रकाश पादुकोण के बाद यह खिताब जीतने वाले वो दूसरे भारतीय है। इसका बाद चोटिल होने के कारण उन्होंने पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर सन्यास ले लिया था। साल 2001 में गोपीचंद राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किए जा चुके हैं। साल 2005 में उन्हें पद्मश्री साल 2009 में उन्हें द्रोणाचार्य अवॉर्ड और 2014 में उन्हें तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी नवाजा जा चुका है।

इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ पत्रकार मनीष छिब्बर ने भी गोपीचंद को इस सफलता के लिए बधाई दी।

पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर ने भी द्रोणाचार्य बताया।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू  ने भी कोच गोपीचंद को बधाई दी।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने गोपिचंद के समर्थन में ट्वीट किया।

कोच गोपीचंद ने डीडी न्यूज से सेमीफाइनल मैच जीतने के बात भी की।