नरसिंह यादव की ओलंपिक खेलने की उम्मीदों पर बुधवार को लगभग तुषारापात हो गया जब पांच जुलाई को हुए दूसरे डोप टेस्ट में भी वह नाकाम रहे । समझा जाता है कि 25 जून के डोप टेस्ट में नाकाम रहने पर अस्थायी निलंबन झेल रहे नरसिंह के पांच जुलाई को हुए टेस्ट के भी ए और बी नमूने पाजीटिव पाये गए । भारतीय कुश्ती महासंघ के सूत्र ने प्रतिबंधित एनाबालिक स्टेरायड मेथांडिएनोन का हवाला देते हुए बताया ,‘‘ यह वही पदार्थ है जो पहले टेस्ट में पाया गया था । इसका शरीर से बाहर जाना संभव नहीं था ।’’
नरसिंह ने दावा किया है कि उसके विरोधियों ने उसके फूड सप्लीमेंट्स और खाने में इसे मिलाया । उसके फूड सप्लीमेंट्स हालांकि टेस्ट में साफ पाये गए । डोप मामले के बाद नरसिंह की जगह 74 किलोवर्ग में प्रवीण राणा का नाम दिया गया है जिसे युनाइटेड विश्व कुश्ती ने मंजूर कर लिया । इससे पहले डोपिंग विवाद में एक दिलचस्प मोड़ आ गया है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय पहलवान नरसिंह यादव को लेकर चल रहे डोपिंग विवाद में दखल दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के कुश्ती महासंघ (WFI) अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह से मुलाकात की और चल रहे विवाद के बारे में जानकारी मांगी।
पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले नरसिंह का रियो ओलंपिक के लिये चयन विवादित हालात में हुआ था क्योंकि ओलंपिक दोहरे पदक विजेता सुशील ने 74 किलो वर्ग में दावेदारी ठोकी थी । नरसिंह ने चूंकि विश्व चैम्पियनशिप के जरिये कोटा हासिल किया था डब्ल्यूएफआई और दिल्ली उच्च न्यायालय दोनों ने सुशील की मांग खारिज कर दी ।

