हाल में समाप्त हुए रियो ओलंपिक की जिमनास्टिक स्पर्धा में ऐतिहासिक चौथा स्थान हासिल करने वाली दीपा करमाकर का सोमवार (22 अगस्त) को यहां घर वापसी पर भव्य स्वागत किया गया। हजारों लोग स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में एकत्रित हुए। उन्होंने दीपा के स्वागत के लिए तिरंगा फहराया और पटाखे फोड़े। दीपा ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट है। दीपा ने ओलंपिक पदक लाने में अपनी असफलता के लिए लोगों से माफी मांगी और उन्हें वादा किया कि अगली बार वह ऐसा जरूर करेंगी।

दीपा ने कहा, ‘रियो ओलंपिक जाने से पहले मुझे भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने पूछा था कि मुझे विदेशी कोच के मार्गदर्शन में विदेशी ट्रेनिंग की जरूरत है। तो मैंने कहा था कि भारतीय कोचों में अपने शिष्यों को ट्रेनिंग देने के लिए काफी ऊर्जा है। मैं बिश्वेश्वर नंदी की कोचिंग से बहुत खुश हूं।’ उन्होंने कहा, ‘साक्षी और सिंधु ने रियो में पदक हासिल किए, उनके भी भारतीय कोच ही थे।’ देश की महिला खिलाड़ियों के ओलंपिक में प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए दीपा ने कहा, ‘मैं सभी से अपील करती हूं कि लड़कियों को बचाओ और उन्हें प्रोत्साहित करो।’

त्रिपुरा सरकार ने दीपा को प्रशस्ति पत्र दिया। मुख्यमंत्री माणिक सरकार और खेल मंत्री शाहिद चौधरी ने नंदी को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दीपा को खेल एवं युवा मामलों के विभाग में पदोन्नति देते हुए सहायक निदेशक बना दिया जाएगा जिसमें वह अभी खेल अधिकारी हैं। उनके कोच को भी उप निदेशक बनाया जाएगा जो अभी सहायक निदेशक हैं। त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री तपन चक्रवर्ती ने घोषणा की कि मंगलवार (23 अगस्त) को दीपा के सम्मान में राज्य के सभी स्कूल और कॉलेज में छुट्टी रखी जाएगी।