Women’s Premier League Auction: भारतीय तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर पर सोमवार 13 फरवरी 2023 की दोपहर महिला प्रीमियर लीग की नीलामी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 1.5 करोड़ रुपए की सफल बोली लगाई। उस समय रेणुका की मां सुनीता ठाकुर और भाई विनोद ठाकुर हिमाचल प्रदेश में रोहरू जिले स्थित उनके गांव पारसा में थे।
पिता को बचपन में ही खो दिया
रेणुका सिंह ने अपने पिता केहर सिंह को कम उम्र में ही खो दिया था। इसके बाद सुनीता ने हिमाचल सिंचाई विभाग और जन स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में काम किया। अब जब 27 साल की तेज गेंदबाज पर पहली WPL नीलामी में सफल बोली लगी तो सुनीता ने परिवार के कठिन दिनों को याद किया।
जो मिला वह रेणुका का खेल के प्रति जुनून का नतीजा
पारसा गांव से द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सुनीता ठाकुर ने कहा, ‘रेणुका सिंह ने जो कुछ भी हासिल किया है, वह उसकी कड़ी मेहनत और खेल के प्रति जुनून के कारण है। जब वह छोटी थी तो हमेशा अपने भाई के साथ नाले के पास गांव के मैदान में जाती थी और लड़कों की टीम में खेलती थी। मेरे पति की मृत्यु के बाद, हम आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे थे।’
सुनीता ठाकुर कहती हैं, ‘…लेकिन मैंने कभी भी आर्थिक तंगी को अपनी बेटी के क्रिकेट के सपनों के बीच नहीं आने दिया। वह हमेशा आईपीएल मैचों को रुचि के साथ देखती थी। अब एक टीम के लिए डब्ल्यूपीएल में उसका खेल देखना हम सभी के लिए एक सपने के सच होने जैसा होगा।’
कुंडी नाले के पास एक छोटा सा क्रिकेट का मैदान होने के कारण रेणुका अपने स्कूल के समय के बीच सुबह और शाम को गांव के लड़कों के साथ अभ्यास करती थी। अपने भाई विनोद सहित लड़कों के पास के गांवों में मैच खेलने के साथ रेणुका भी उनके साथ खेलने जाया करती थी।
2019 में 23 विकेट लेकर आईं थी सुर्खियों में
बाद में उनके चाचा भूपिंदर सिंह ठाकुर ने रेणुका को धर्मशाला में एचपीसीए अकादमी के लिए ट्रायल देने की सलाह दी। इसके बाद रेणुका ने अकादमी में प्रशिक्षण लिया और वह 2019 में 23 विकेट लेकर बीसीसीआई महिला वनडे ट्रॉफी में अग्रणी विकेट लेने वाली खिलाड़ी के रूप में उभरीं।
रेणुका ने पिछले तीन वर्षों में बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों सहित 7 महिला वनडे और 28 महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। इसमें रेणुका ने 2-2 बार 4-4 विकेट समेत कुल 11 विकेट लिए थे। सुनीता ठाकुर कहती हैं, ‘जब उसने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो वह हमेशा लड़कों के साथ खेलने के लिए घर या पड़ोस से लकड़ी का डंडा या प्लास्टिक के बल्ले जैसा जो कुछ भी उपलब्ध होता था, ले लेती थी।’
बैट-बॉल नहीं होने के कारण नहीं मिलती थी बल्लेबाजी और गेंदबाजी
सुनीता ठाकुर ने बताया, ‘कभी-कभी वह रोते हुए घर लौट आती कि बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने की उसकी बारी नहीं आई। लेकिन जब उसने गांव के टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया, तो टीमें उसे एक नए बैट या गेंद के साथ लेने आईं। वह हमेशा कोई न कोई ट्रॉफी लेकर लौटती थीं। वह अब भी अपनी ट्राफियां घर की एक छोटी सी अलमारी में रखती है।’
सुनीता ठाकुर ने बताया, ‘जब वह कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) से रजत पदक लेकर घर लौटी, तो उसने सुनिश्चित किया कि गांव की लड़कियां पदक देखें। साउथ अफ्रीका में वर्ल्ड कप में जाने से पहले वह घर आई और गांव की लड़कियों को अपनी कुछ जर्सियां भी दीं। महिला प्रीमियर लीग में उसके रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा बनने के साथ मुझे यकीन है कि अधिक से अधिक लड़कियां टीवी पर उसके खेल को देखने के लिए प्रेरित होंगी और भारत के अलावा डब्ल्यूपीएल टीमों के लिए खेलने का सपना देखेंगी।’
27 साल की तेज गेंदबाज वर्तमान में आईसीसी महिला टी20 विश्व कप में भारतीय महिला टीम के हिस्से के रूप में दक्षिण अफ्रीका में हैं। परिवार ने रविवार को अपने गांव में पाकिस्तान के खिलाफ भारत का पहला मैच देखा। भले ही रेणुका मैच में कोई विकेट नहीं ले पाईं हों, लेकिन मां सुनीता का मानना है कि वह डब्ल्यूपीएल बोली से प्रेरित होगी और टी20 विश्व कप में भारत के लिए शुरुआती मैच में औसत प्रदर्शन को भूल जाएगी।
परिवार के लिए नया घर बनाने पर खर्च करेंगी नीलामी में मिली राशि
रेणुका सिंह को 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने पर हिमाचल सरकार द्वारा घोषित दो करोड़ रुपये नहीं मिले हैं। सुनीता ने अपनी बेटी से नीलामी की बोली के पैसे खर्च करने को लेकर बात की। सुनीता ने कहा, ‘हमने अभी रेणुका के साथ बात की थी। वह फ्रेंचाइजी के लिए खेलने के लिए उत्साहित थी। जिसमें उसकी पुरुष टीम में पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली हैं। उसे हिमाचल प्रदेश सरकार से राष्ट्रमंडल खेलों की पुरस्कार राशि नहीं मिली है। उसने कहा कि वह इस नीलामी के पैसे को परिवार के लिए एक नया घर बनाने पर खर्च करेगी।’