भारतीय टीम के स्टार स्पिनर अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। अश्विन गाबा टेस्ट में नहीं खेले थे। हालांकि मैच के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर बताया कि यह उनका बतौर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर आखिरी दिन है। अश्विन के संन्यास का टाइमिंग सुनील गावस्कर को रास नहीं आया। उन्होंने कहा कि अश्विन ने टीम को बीच में छोड़ दिया जो कि अच्छा नहीं है।

अश्विन ने वही किया जो धोनी ने किया था

गावस्कर ने ब्रॉडकास्टर से कहा,‘‘वह कह सकता था कि देखिए श्रृंखला समाप्त होने के बाद मैं भारतीय टीम में चयन के लिए उपलब्ध नहीं रहूंगा। इसका क्या मतलब है। महेंद्र सिंह धोनी ने भी इसी तरह से 2014–15 की सीरीज के दौरान तीसरे टेस्ट मैच के बाद संन्यास ले लिया था। इससे टीम में एक सदस्य कम हो जाता है।’’

टीम में एक खिलाड़ी कम हो गया

उन्होंने कहा,‘‘चयन समिति ने किसी उद्देश्य से ही इस दौरे के लिए इतने अधिक खिलाड़ियों का चयन किया है। अगर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है तो वह टीम में शामिल रिजर्व खिलाड़ियों में से किसी का चयन कर सकते हैं।’’

इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि अश्विन सिडनी में होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में अपनी भूमिका निभा सकते थे। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड के विकेट से स्पिनरों को मदद मिलती रही है।

अगले दो टेस्ट में अश्विन की जरूरत थी

गावस्कर ने यह भी कहा कि अगले दो टेस्ट मैच में टीम इंडिया को अश्विन की जरूरत पड़ सकती थी। उन्हें उपलब्ध रहना चाहिए था। गावस्कर ने कहा, ‘‘ सिडनी ऐसी जगह है जहां स्पिनरों को बहुत अधिक मदद मिलती है। भारत वहां दो स्पिनरों के साथ खेल सकता है। उसे उस मैच के लिए टीम में होना चाहिए था। मैं नहीं जानता कि मेलबर्न की पिच कैसी होगी। अमूमन आपका ध्यान सीरीज के आखिरी मैच पर जाता है।’’

गावस्कर से पूछा गया कि क्या अश्विन की जगह लेने के लिए वाशिंगटन सुंदर को तैयार किया जा रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है वाशिंगटन सुंदर उनसे आगे हैं। रोहित (शर्मा) ने बताया कि वह (अश्विन) कल स्वदेश लौट रहे हैं। इसलिए यह अश्विन का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के रूप में अंत है। वह बेहतरीन क्रिकेटर था।’’