तमिलनाडु प्रीमियर लीग 2025 (TNPL 2025) के दौरान भारत के पूर्व क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन को गुस्से में देखा गया। डिंडीगुल ड्रैगन्स के लिए खेलने वाले 38 वर्षीय अश्विन को आईड्रीम तिरुप्पुर तमीज़हंस के लिए खेलने वाले साई किशोर की गेंद पर एलबीडब्लू करार दिया गया। अश्विन को महिला अंपायर के साथ लंबी बहस करते हुए देखा गया। वह मैदान से बाहर जाते समय गुस्से में बल्ले अपने पैड पर मारते हुए देखे गए।

घटना को लेकर एक कमेंटेटर ने कहा,”अश्विन कह रहे हैं कि ‘मैडम, उन्होंने यह गेंद ओवर द विकेट फेंकी है और अपना तर्क दे रहे हैं कि गेंद लेग स्टंप के बाहर पिच हुई थी।” डिंडीगुल ड्रैगन्स ने अंपायर के वाइड कॉल को पलटने की उम्मीद में शुरुआती ओवर में अपने दोनों रिव्यू गंवा दिए।

अश्विन के आउट होने के बाद ड्रैगन्स ज्यादा स्कोर नहीं बना पाए। अश्विन के 18 रन आरके जयंत साथ संयुक्त रूप से दूसरा सर्वोच्च स्कोर था। शिवम सिंह ने 30 रन बनाए और ड्रैगन्स की टीम 16.2 ओवर में सिर्फ़ 93 रन पर ढेर हो गई। तमीजहंस के लिए एसाकिमुथु ए ने चार विकेट लिए, जबकि एम मथिवनन ने तीन विकेट लिए। कप्तान साई किशोर ने भी दो विकेट लिए।

और क्रिकेट खेलना चाहते हैं

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान तीसरे टेस्ट के बाद आर अश्विन का संन्यास लेना उस समय थोड़ा चौंकाने वाला था। स्पिनर्स के लिए अनुकूल विकेट नहीं होने पर एडिलेड टेस्ट में अच्छी गेंदबाजी करने के बाद ऑफ स्पिनर को गाबा टेस्ट से बाहर कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने संन्यास ले लिया। 537 विकेट अपने नाम करने वाले अश्विन से जब पूछा गया कि क्या वह अपने संन्यास के लिए विदाई टेस्ट खेलना चाहेंगे तो उन्होंने जवाब दिया, “जगह कहां है?”

संन्यास को लेकर अश्विन क्या बोले थे

अश्विन ने एश की बात पर कहा, “मैं और क्रिकेट खेलना चाहता हूं। जगह कहां है? जाहिर है भारतीय ड्रेसिंग रूम में नहीं, बल्कि कहीं और से। मैं खेल के प्रति ईमानदार रहना चाहता हूं। कल्पना कीजिए कि मैं विदाई टेस्ट खेलना चाहता हूं, लेकिन मैं जगह का हकदार नहीं हूं। कल्पना कीजिए, मैं सिर्फ इसलिए टीम में हूं क्योंकि यह मेरा विदाई टेस्ट है। मैं ऐसा नहीं चाहता। मुझे लगा कि मेरे क्रिकेट में और ताकत है। मैं और खेल सकता था, लेकिन हमेशा तब अलविदा कहना बेहतर होता है जब लोग ‘क्यों’ पूछते हैं, न कि ‘क्यों नहीं।”

विदाई की कोई जरूरत नहीं

अश्विन ने कहा, “अगर मैं गेंद लेकर मैदान पर उतरता हूं और लोग ताली बजाते हैं तो इससे क्या फर्क पड़ेगा? लोग कब तक इस बारे में बात करेंगे? जब सोशल मीडिया नहीं था, तो लोग इस बारे में बात करते थे और एक हफ्ते बाद भूल जाते थे। विदाई की कोई जरूरत नहीं है। खेल ने हमें बहुत कुछ दिया है और हमने बहुत खुशी के साथ खेला है।”