बेन स्टोक्स के वनडे क्रिकेट से संन्यास के ऐलान बाद क्रिकेट जगत में एक नए मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। लगातार चल रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, द्विपक्षीय सीरीज, फ्रेंचाइजी क्रिकेट से खिलाड़ियों का वर्कलोड बढ़ गया है। ऐसे में भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट को बढ़ावा देने की मांग की है। शास्त्री का मानना है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टी20 द्विपक्षीय सीरीज कम से कम होनी चाहिए। इसे लेकर वह सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हुए हैं। यूजर्स ने जमकर पूर्व कोच के मजे लिए।
एक यूजर ने लिखा कि वह आईपीएल में कोचिंग जॉब ढूंढ रहे हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा कि ताकि आप शराब की ज्यादा बोतलें खरीद सकें। एक ना कहा कि और बाद में हम टी20 विश्वकप हारने पर रोएं। एक यूजर ने ट्वीट किया जरूर इसने पी रखी होगी। एक ने यह भी कहा कि हां ताकि फिक्सिंग करके अपने पैसे बढ़ाओ।
एक यूजर ने ऋषभ पंत का शैंपेन गिफ्ट याद करते हुए कहा कि पंत का दिया हुआ शैंपेन पीकर बोले क्या? पोस्ट मैच में रवि शास्त्री: वेस्ट मत करो यार। एक अन्य यूजर ने लिखा क्यों न अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पूरी तरीके से बंद कर दें। एक ने यह भी कहा वह अपने बेहतर भविष्य के लिए कह रहे हैं। रात की उतरी नही क्या शास्त्री जी?
कुछ यूजर्स ने शास्त्री के बयान का समर्थन भी किया। एक यूजर ने लिखा कि ऐसे टेस्ट और वनडे क्रिकेट को नुकसान नही होगा, टी20 क्रिकेट केवल मनोरंजन के लिए है। एक अन्य यूजर ने लिखा कि कम से कम फैंस क्वॉलिटी क्रिकेट का आनंद ले पाएंगे, एक मजबूत टीम कमजोर टीम को हराकर जीत रही है। सच में द्विपक्षीय सीरीज बेकार है।
रवि शास्त्री ने खेल के लंबे प्रारूप टेस्ट क्रिकेट के आने वाले समय में खत्म होने की आशंका जताई है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए दो टीयर के टेस्ट ढांचे की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि दो टीयर की जरूरत है, नहीं तो टेस्ट क्रिकेट 10 साल में खत्म हो जाएगा। आपको शीर्ष स्तर पर छह टीमों की जरूरत है और दूसरे स्तर पर छह टीमों को एक दूसरे के खिलाफ अधिक खेलने का मौका मिलेगा क्योंकि कम टी20 क्रिकेट और फ्रेंचाइजी क्रिकेट होने से ज्यादा समय मिलेगा। इस तरह से खेल के सभी प्रारूप बरकरार रहेगें।”