भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री पद से हटने के बाद लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। उनके बयान लगातार मीडिया में आ रहे हैं। इसी कड़ी में उनका एक और बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने भारत की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि कोच और कप्तान की राष्ट्रीय टीम के चयन में भूमिका होनी चाहिए।

पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने कहा कि, कप्तान चयन समिति की बैठक में अपनी राय रख सकता है लेकिन फैसले पांच सदस्यीय चयन समिति ही लेती है जबकि कोच की इसमें कोई भूमिका नहीं होती। उन्होंने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ से बातचीत में कहा कि,”यह बहुत जरूरी है कि कप्तान और कोच की टीम चयन में भूमिका रहे। खासकर अगर कोच काफी अनुभवी हो जैसा कि मैं था और अब राहुल (द्रविड़) है।”

शास्त्री ने कहा कि कप्तान को चयनकर्ताओं की सोच का पता होना चाहिए। उन्होंने कहा,”इसके लिए बैठक होनी चाहिए। फोन पर या बिना बैठक के बाहर से ही ये संभव नहीं है। कप्तान को बैठक में होना चाहिए ताकि उन्हें चयनकर्ताओं की सोच का पता चल सके।”

अंबाती रायडू का किया था समर्थन

आपको बता दें कि रवि शास्त्री इससे पहले भी भारतीय चयन प्रक्रिया को लेकर बयान दे चुके हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि 2019 वर्ल्ड कप की टीम में वे तीन विकेटकीपर ले जाने के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा था कि एक विकेटकीपर की जगह अंबाती रायडू या श्रेयस अय्यर को टीम में शामिल किया जा सकता था।

उन्होंने ये भी कहा था कि,”मैंने कभी भी चयनकर्ताओं के काम में दखल नहीं दिया जब तक कि मुझे आम चर्चा के दौरान अपनी राय रखने को नहीं कहा गया। आमतौर पर कोच का टीम सिलेक्शन में हस्तक्षेप नहीं होता है।”

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में हेड कोच चयन समिति का हिस्सा होते हैं। वहीं भारत में हेड कोच के लिए ऐसी अलग से कोई व्यवस्था नहीं होती है। हेड कोच का भारत में टीम सिलेक्शन में हस्तक्षेप नहीं होता है। न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली होम सीरीज से राहुल द्रविड़ ने रवि शास्त्री की जगह लेते हुए भारत के हेड कोच का पद संभाला है।