भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण बुधवार (2 जुलाई) को एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को आराम देने के लिए टीम प्रबंधन की आलोचना की है। टॉस के समय इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज माइकल एथर्टन ने पूछा तो कप्तान शुभमन गिल ने कहा कि बुमराह फिट हैं, लेकिन प्रबंधन का मानना ​​है कि 10 जुलाई से शुरू होने वाले लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट के दौरान तेज गेंदबाज अधिक महत्वपूर्ण होगा।

अक्टूबर 2024 से टेस्ट क्रिकेट में खराब नतीजों के बाद शास्त्री ने महत्वपूर्ण मैच के लिए पूरी तरह से फिट बुमराह को आराम देने के भारत के विचार से सहमत नहीं दिखे। पिछले नौ टेस्ट मैचों में भारत ने केवल एक मैच जीता है, जो एक दशक से अधिक समय में टेस्ट क्रिकेट में उनका सबसे खराब प्रदर्शन है।

कप्तान शुभमन गिल और मुख्य कोच गौतम गंभीर को जिम्मेदार ठहराते हुए शास्त्री ने कहा कि इस मैच के लिए बुमराह को आराम देने के बारे में कोई “अगर-मगर” नहीं होना चाहिए। बुमराह और प्रबंधन ने कहा है कि वह अपने वर्कलोड के कारण अधिकतम तीन मैच खेलेंगे। शास्त्री ने कहा कि यह तेज गेंदबाज पर निर्भर नहीं होना चाहिए कि वह कौन से मैच खेलेगा।

रवि शास्त्री क्या बोले

रवि शास्त्री ने कहा, “यह बहुत महत्वपूर्ण मैच है, उन्हें एक हफ्ते का आराम मिला है। मुझे आश्चर्य है कि बुमराह यह मैच नहीं खेल रहे हैं। यह खिलाड़ी के हाथ में नहीं होना चाहिए। कप्तान और मुख्य कोच को यह तय करना चाहिए कि 11 में कौन होगा। यह सीरीज के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मैच है, उन्हें यह मैच खेलना चाहिए। लॉर्ड्स में क्या होगा देखा जाएगा। यह महत्वपूर्ण मैच है, जहां आपको लगभग सीधे जवाबी हमला करना होगा।”

पचाना बहुत मुश्किल

रवि शास्त्री ने कहा, “यह मैच खेलो। 1-1 करो और फिर उन्हें विकल्प दो: आप लॉर्ड्स में आराम करना चाहते हैं, लॉर्ड्स में आराम करें। आपको लगता है कि वह लॉर्ड्स में आराम करेंगे? अगर तुम यह मैच जीतते हैं तो कोई संभावना नहीं है। अगर भारत के पिछले कुछ नतीजों को देखें तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण टेस्ट मैच है। आप न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैच हार चुके हैं, आप ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैच हार चुके हैं। आप यहां पहला टेस्ट मैच हार चुके हैं और आप जीत की राह पर लौटना चाहते हैं। आपके पास दुनिया का सबसे अच्छा तेज गेंदबाज है और आप उसे सात दिन के आराम के बाद बाहर बिठाते हैं, इसे पचाना बहुत मुश्किल है।”