जून 2016 में जब अनिल कुंबले को भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनाने की बात चल रही थी, उस समय रवि शास्त्री बैंकॉक के एक स्विमिंग पूल में वक्त गुजार रहे थे। तब शास्त्री रेस में पीछे रह गए पर साल भर के भीतर ही कुंबले का तख्तापलट कर दिया। तब से शास्त्री लगातार आलोचनाओं के घेरे में रहे हैं, मगर अब उन्हें इसकी आदत हो चली होगी। ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीतने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में शास्त्री ने जो कुछ कहा, उसके लिए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर वह लोगों के निशाने पर हैं। फैंस की तीखी प्रतिक्रिया को संभालना ऐसी चीज है जो शास्त्री अपने क्रिकेट खेलने के दिनों से करते आ रहे हैं।
बकौल शास्त्री, “वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मैच था। उस दौरान मैं घायल था। कहीं मैच चल रहा था और मुझे सुनाई दे रहा था, ‘शास्त्री हाय हाय, शास्त्री हाय हाय’। शास्त्री है भी नहीं! बात ऐसी हो चली थी कि ये भीड़ के लिए टाइम पास बन गया था। लेकिन फिर क्या? इससे मुझे और मेहनत करने की प्रेरणा मिली। (रिचर्ड) हैडली बॉलिंग कर रहे थे और वो (भीड़) ‘हाय-हाय’ कर रहे थे। आप उनको अच्छे से खेलने पर फोकस कर रहे हैं। हाय हाय क्या? आप उसी टीम के खिलाफ 50 या 100 बनाओ और वो टोपी फिरा लेते हैं। वो तालियां बजाते हैं।”
रवि शास्त्री उस समय पाकिस्तान के एक होटल में थे जब सुनील गावस्कर ने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया। गावस्कर बताने आए थे कि शास्त्री अगले टेस्ट में पहली बार ओपनिंग करेंगे। शास्त्री उस समय संदीप पाटिल के साथ शराब पी रहे थे और उन्होंने बताया, “मैं फौरन खड़ा हुआ। सारा नशा खत्म। मुझे पता था कि मैं इसी का तो इंतजार कर रहा था। आपको ऐसे मौके लपकने ही चाहिए।”
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शास्त्री का कोचिंग स्टाइल साइडलाइन होकर रहने वाला नहीं है। विराट कोहली से लेकर रविचंद्रन अश्विन तक बता चुके हैं कि शास्त्री कैसे उन्हें तकनीकी सहायता मुहैया करा चुके हैं। शास्त्री को एटिट्यूड वाला और कुंबले को अनुशासित बताना उनके साथ न्याय नहीं है। शास्त्री सिर्फ साइकोलॉजिकल मेंटर भर नहीं है, वह तकनीक के बारे में अच्छा-खासा अनुभव रखते हैं।
नेट्स में, वह बल्लेबाज के पास खड़े होकर उसे सही स्टांस लेने और उसके पीछे का तर्क समझाते हैं। निजी बातचीत में कई खिलाड़ियों ने शास्त्री के सुझावों और उससे मिली मदद के बारे में बताया है। शास्त्री के फैसलों पर सवाल उठा सकते हैं पर इरादे को नहीं। शास्त्री ने कई बार माना है कि उनसे गलतियां हुई हैं।