शंकर नारायण। रणजी ट्रॉफी के चौथे राउंड के पहले दिन शनिवार (8 नवंबर) को हिमाचल प्रदेश की बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ सरफराज खान के छोटे भाई मुशीर खान ने शतक जड़कर मुंबई की लाज बचा ली। शरद पवार बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स मैदान पर शतक जमाने के बाद मुशीर खान के आंखों में आंसू थे। उन्होंने यह शतक अपने मामा को समर्पित किया, जिनका मैच से पहले निधन हो गया।
बाएं हाथ के स्पिनर आर्यमन धालीवाल की गेंद पर मिडविकेट पर एक सिंगल लेकर मुशीर ने 143वीं गेंद पर अपना शतक पूरा किया। इसके बाद हवा में उछलते हुए मुशीर ने खुशी मनाकर दिखाया कि यह पारी उनके लिए कितनी मायने रखती थी। जैसे ही उन्होंने अपना हेलमेट उतारा उनकी आखें नम दिखाई दीं। बाद में इस बल्लेबाज ने बताया कि अपने मामा की याद में शतक बनाने के बाद उनकी आंखों में आंसू आ गए, जिनका शनिवार सुबह निधन हो गया था। उनके क्रिकेटर बनने में मामा का बहुत बड़ा योगदान रहा।
मामा की याद में भावुक हुए मुशीर
मुशीर ने कहा, “पहली बात तो ये कि यह शतक बहुत समय बाद आया है। दूसरी बात ये कि आज सुबह मेरे मामा का निधन हो गया। इसलिए मुझे बहुत दुख हो रहा था। मैं बचपन से उनके साथ रहा हूं। उनके साथ खेला हूं। इसलिए मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था। शतक पूरा करने के बाद मैं भावुक हो गया। इसलिए मैं थोड़ा रोया।”
सरफराज का निराशाजनक प्रदर्शन
मैच शुरू होने से पहले उम्मीद की जा रही थी कि पहले तीन राउंड में कम रन पर आउट होने के बाद सरफराज बड़ा स्कोर करेंगे। लेकिन सरफराज का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उन्होंने 57 गेंदों में 16 रन बनाए और तेज गेंदबाज वैभव अरोड़ा की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए।
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मुशीर ने सिद्धेश के साथ मिलकर मुंबई को मुश्किल से निकाला
मुशीर ने मुंबई के दूसरे शतकवीर सिद्धेश लाड के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 157 रनों की साझेदारी करके मैच का रुख मोड़ दिया। 20 साल के मुशीर ने 33 वर्षीय सिद्धेश लाड के साथ मिलकर मुंबई को 73 रनों पर 4 विकेट गंवाने के बाद मुश्किल से निकाला। मुंबई ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक 88 ओवर में 5 विकेट पर 289 रन बना लिए। सिद्धेश लाड 100 और आकाश आनंद 26 रन बनाकर क्रीज पर हैं। मुशीर खान 112 रन बनाकर आउट हुए।
