कॉरोनोवायरस महामारी के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बावजूद बंगाल क्रिकेट टीम के क्रिकेटरों की फिटनेस को लेकर बहुत कम शिकायत मिली है। हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से उन्हें रणजी ट्रॉफी के पिछले सीजन (2019-20) में उपविजेता बनने के बाद बतौर पुरस्कार राशि मिलने एक करोड़ रुपए अब तक नहीं मिले हैं। ऑनलाइन टीम बॉन्डिंग मीटिंग के दौरान भारतीय क्रिकेटर ने इस मामले को उठाया। उस बैठक में सभी खिलाड़ियों के अलावा बंगाल के मुख्य कोच अरुण लाल और कोचिंग और सपोर्टिंग स्टॉफ के सदस्य भी शामिल थे।

मामला उठाए जाने के बाद क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) ने आश्वासन दिया कि खिलाड़ियों को एक सप्ताह के भीतर उनका बकाया मिल जाएगा। कैब ने बताया कि बीसीसीआई से एक सप्ताह के अंदर पुरस्कार राशि के 1 करोड़ रुपए मिल जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, ‘बंगाल के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने ऑनलाइन टीम बॉन्डिंग मीटिंग के दौरान बीसीसीआई से अपना बकाया पाने वाले खिलाड़ियों की स्थिति के बारे में अपडेट मांगा था।’

सूत्रों ने बताया, ‘मनोज तिवारी ने टीम के क्रिकेट संचालन प्रबंधक जॉयदीप मुखर्जी से सवाल पूछा था।’ कैब अध्यक्ष अविषेक डालमिया ने बताया, ‘एसोसिएशन का कार्यालय इस पर काम कर रहा है। जल्द ही इसके पूरा होने के उम्मीद है। पदाधिकारी इसे सुनिश्चित करने के लिए ओवरटाइम काम कर रहे हैं। चेकिंग और इंटरनल ऑडिट के बाद कुछ विवरण भेजने की जरूरत है।’

उन्होंने बताया, ‘एक या दो दिन के भीतर यह उम्मीद की जा सकती है कि इसे आवश्यक भुगतान जारी करने के लिए बीसीसीआई को भेजा जाएगा।’ उन्होंने बताया, ‘महामारी के कारण सीमित संसाधनों के साथ, विभिन्न खिलाड़ियों को अन्य भुगतान, सहायक कर्मचारियों और मैच अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाना था। यह उनकी कमाई का जरिया है। मुझे यकीन है, यह भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो किसी भी समय की बर्बादी के बिना जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।’

इस बीच, यह भी जानकारी मिली है कि रणजी ट्रॉफी के इतिहास में पहली बार चैंपियन बनने वाले सौराष्ट्र को उसकी पुरस्कार राशि के दो करोड़ रुपए गत बुधवार को मिल गए। एक सूत्र ने बताया, ‘सौराष्ट्र के लिए भुगतान 17 जून 2020 को जारी किया गया था।’