भारतीय टीम से बाहर चल रहे ओपनर पृथ्वी शॉ ने शानदार फॉर्म दिखाते हुए सोमवार (27 अक्टूबर) को चंडीगढ़ के सेक्टर-16 क्रिकेट स्टेडियम में चंडीगढ़ के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए सिर्फ 72 गेंदों में अपना पहला रणजी ट्रॉफी शतक जड़कर डेढ़ साल से ज्यादा समय का सूखा खत्म किया। पृथ्वी का यह अपनी नई घरेलू टीम के लिए सिर्फ दूसरा मैच है। उन्होंने फरवरी 2024 के बाद पहला शतक जड़ा।

पहली पारी में सिर्फ आठ रन पर आउट होने के बाद शॉ ने बेहतरीन शतक तब जड़ा जब महाराष्ट्र ने पहली पारी में 104 रन की बढ़त हासिल कर ली थी। तीसरे दिन सुबह शॉ ने सिर्फ 72 गेंदों में 13 चौकों की मदद से इस घरेलू सीजन का अपना पहला शतक जड़ा, जो रणजी ट्रॉफी के इतिहास का छठा सबसे तेज शतक है। उन्होंने इस मामले में ऋषभ पंत को पीछे छोड़ा।

रणजी ट्रॉफी में सबसे तेज शतक

48 बॉल – ऋषभ पंत (2016/17)
56 बॉल – रियान पराग (2023-24)
56 बॉल – आरके बोरा (1987/88)
60 बॉल – एस रूबेन पॉल (1995/96)
68 बॉल – रजत पाटीदार (2024-25)
69 बॉल – नमन ओझा (2015-16)
72 बॉल – पृथ्वी शॉ (2025-26)
72 बॉल – एकलव्य द्विवेदी (2015-16)
82 बॉल – ऋषभ पंत (2016-17)

रणजी ट्रॉफी सत्र की खराब शुरुआत

शॉ ने पिछले हफ्ते अपने रणजी ट्रॉफी सत्र की खराब शुरुआत की थी। वह केरल के खिलाफ पहली पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए थे। उन्होंने दूसरी पारी में हाफ सेंचुरी जड़कर वापसी की और महाराष्ट्र को पारी की बढ़त दिलाई। शॉ पिछले साल के खराब सीजन के बाद टॉप लेवल क्रिकेट में अपना करियर पटरी पर लाना चाहते हैं। उन्हें फिटनेस और अनुशासन की दिक्कतों की वजह से मुंबई ने टीम से बाहर कर दिया था।

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पृथ्वी शॉ का करियर

शॉ ने 58 फर्स्ट-क्लास मैचों में 46.02 के औसत से 4556 रन बनाए हैं। इसमें 13 सेंचुरी और 18 हाफ-सेंचुरी शामिल हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 379 रहा है। लिस्ट-ए मैचों में उनके नाम 55.72 के औसत से 3399 रन और 125.74 का स्ट्राइक-रेट है। टी20 में उनके 2902 रन 151.54 के स्ट्राइक-रेट और 25.01 के औसत से आए हैं। वह आईपीए 2025 मेगा ऑक्शन में अनसोल्ड रहे थे। शॉ 2018 अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली इंडियन टीम के कैप्टन थे, जबकि अभी के टेस्ट कैप्टन शुभमन गिल प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट थे।