रणजी ट्रॉफी के इतिहास की सबसे सफल टीम मुंबई एकबार फिर चैंपियन बनने की दहलीज पर है, क्योंकि मुंबई ने विदर्भ को फाइनल मुकाबले में 538 का पहाड़ जैसा टारगेट दिया है। जवाब में विदर्भ की टीम ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक बिना किसी नुकसान के 10 रन बना लिए। इस विशाल लक्ष्य को हासिल करने के लिए विदर्भ को उच्च स्तर की बल्लेबाजी करनी होगी। अगर विदर्भ यह टारगेट हासिल कर लेती है तो वह इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपना नाम दर्ज करा देगी।
विदर्भ रचेगा इतिहास?
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अब तक 536 का टारगेट चेज हुआ है। टारगेट हासिल करने वाली टीम ने 541 रन बनाकर मैच जीता था। फरवरी 2010 में दलीप ट्रॉफी में खेले गए साउथ जोन और वेस्ट जोन के बीच मुकाबले में वेस्ट जोन ने 541 रन बनाकर 3 विकेट से मैच जीता था। मैच की बात करें तो साउथ जोन ने पहले बैटिंग करते हुए 400 रन बनाए थे। जवाब में वेस्ट जोन की पहली पारी 251 पर सिमट गई थी। इसके बाद साउथ जोन ने दूसरी पारी में 386 रन बनाकर वेस्ट जोन को 536 का टारगेट दिया था। वेस्ट जोन ने इसे 7 विकेट खोकर हासिल कर लिया था।
मुंबई के पास इतिहास बनाने का मौका
अब अगर विदर्भ ने 538 का टारगेट हासिल कर लेती है तो वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे बड़ा टारगेट हासिल करने वाली टीम बन जाएगी। हालांकि यह विदर्भ के लिए बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि उसकी बल्लेबाजी कमजोर कड़ी है। पहली पारी में यह टीम 105 पर ऑलआउट हो गई थी। वहीं मुंबई की टीम के पास 8 साल बाद चैंपियन बनने का मौका है। मैच में अभी मुंबई की स्थिति मजबूत नजर आ रही है। 41 बार चैंपियन बन चुकी मुंबई ने आखिरी टाइटल 2015-16 में सौराष्ट्र के खिलाफ जीता था।
मुशीर के शतक की बदौलत मुंबई ने बनाए 418
वानखेड़े में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई की टीम ने दूसरी पारी में 418 रन बनाए। मुशीर खान ने 136 रन की पारी खेली तो वहीं श्रेयस अय्यर शतक से 5 रन दूर रह गए। उन्होंने 95 रन बनाए। शाम्स मुलानी ने भी 50 रन का योगदान दिया। 538 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी विदर्भ ने दिन का खेल खत्म होने तक बिना किसी नुकसान के 10 रन बना लिए हैं। अथर्व तायडे और ध्रुव शॉरे क्रीज पर नाबाद हैं।