प्रत्युष राज
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म मांझी- द माउंटेन मैन में उनका एक फेमस डायलॉग है “जब तक तोडेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं।” इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने दशरथ मांझी का किरदार निभाया है, जिन्हें छेनी और हथौड़े से पहाड़ को काटकर रास्ता बनाने में 22 साल लग गए। बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। वह 19 साल से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन रणजी ट्रॉफी जीतने में असफल रहे हैं।
इस दौरान बंगाल की टीम तीन बार 2005-06, 2006-07, 2019-20 खिताब के करीब पहुंची, लेकिन तीनों बार उपविजेता रही। पहले उत्तर प्रदेश, फिर मुंबई और हाल ही में सौराष्ट्र ने हराया। बंगाल को ईडन गार्डन्स में गुरुवार से सौराष्ट्र से ही रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेलना है।मनोज तिवारी बंगाल सरकार में राज्य के खेल मंत्री भी हैं। उनका कहना है कि उन्होंने सिर्फ रणजी ट्रॉफी जीतने के लिए खेलना जारी रखा है।
मैं खेलना जारी रखा क्योंकि मैं रणजी ट्रॉफी जीतना चाहता था
रणजी ट्रॉफी फाइनल से पहले द इंडियन एक्स्प्रेस से बात करते हुए मनोज तिवारी ने कहा, “मैं खेलना जारी रखा क्योंकि मैं रणजी ट्रॉफी जीतना चाहता था। मैं रणजी चैंपियन कहलाना चाहता हूं। मैं तीन फाइनल का हिस्सा रहा हूं, दो बार जीतने के करीब आया।” 37 वर्षीय बल्लेबाज ने 2019-20 सीजन से पहले कप्तानी छोड़ दी थी और राजनीति में शामिल में उतर गे थे। उन्हें इस सीजन की शुरुआत में बंगाल का कप्तान नियुक्त किया गया था।
मैं कप्तान के रूप में फाइनल खेल रहा हूं
मनोज तिवारी ने कहा, ” कुछ फील नहीं हो रहा।इस सत्र में मेरे लिए केवल एक चीज नई है कि मैं कप्तान के रूप में फाइनल खेल रहा हूं। जब आपकी उम्र ज्यादा हो जाती है, तो आप संतुष्ट हो जाते हैं। मेरे जैसे किसी व्यक्ति ने आक्रामकता के कारण इतना कुछ झेला है जिसकी आवश्यकता नहीं थी। यह सामान्य नहीं है, लेकिन तब आप अपने पिछले अनुभव से सीखते हैं। मैं अब काफी शांत रहता हूं या आप कह सकते हैं कि मैं अपने जीवन से संतुष्ट हूं। मैं अपनी तरह से टीम का नेतृत्व कर रहा हूं।”
बंगाल 15वीं बार रणजी फाइनल खेलेगा
बंगाल 15वीं बार रणजी फाइनल खेलेगा। सबसे ज्यादा बार फाइनल मुंबई ने 47 बार खेला है। दिल्ली भी 15 मौकों पर फाइनल में पहुंची है। हालांकि, बंगाल ने केवल दो बार फाइनल जीता है, 12 बार उसे हार का सामना करना पड़ा है। इसे लेकर मनोज तिवारी ने कहा, “हमारे पास अच्छा मौका है क्योंकि हम घरेलू परिस्थितियों में खेल रहे हैं। हमारे तेज गेंदबाजों ने पूरे सत्र में और विशेषकर ईडन गार्डन्स में अच्छा प्रदर्शन किया है। और ईडन की पिच तेज गेंदबाजों की सहायता करती है।”
