रणजी ट्रॉफी 2025-26 का पहला राउंड बुधवार (15 अक्टूबर) को शुरू हुआ। पहले ही दिन वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की प्लेइंग 11 में जगह न पाने वाले देवदत्त पडिक्कल ने प्रभावित किया। पडिक्कल ने बेहतरीन पारी खेलकर कर्नाटक को सौराष्ट्र के खिलाफ मुश्किल स्थिति से उबारा।
वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली में दूसरा टेस्ट मैच मंगलवार (14 अक्टूबर) को समाप्त होने के बाद राजकोट में कर्नाटक की टीम से जुड़े देवदत्त पडिक्कल शतक से मात्र 4 रन से चूक गए। उन्होंने 141 गेंदों पर 11 चौकों की मदद से 96 रन बनाकर आउट हुए। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज रणजी में ऐसा प्रदर्शन जारी रखता है तो साई सुदर्शन पर दबाव बढ़ेगा।
पडिक्कल को नजरअंदाज करना आसान नहीं
साई ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट में अर्धशतक जड़कर कम से कम साउथ अफ्रीका सीरीज के पहले मैच में अपनी जगह पक्की कर ली। फिर भी पडिक्कल के प्रदर्शन को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा। पडिक्कल को भले ही भारत की प्लेइंग 11 में जगह न मिली हो, लेकिन उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में मैदान पर पर्याप्त समय बिताया।
पडिक्कल ने करुण नायर के साथ 152 रन की साझेदारी की
साई के चोटिल होने के बाद पडिक्कल ने दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन फील्डिंग की। वह बतौर पूरी सीरीज में सब्सटीट्यूट के तौर पर मैदान पर उतरे रहे। सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी मैच में पडिक्कल ने करुण नायर के साथ 152 रन की साझेदारी की। कर्नाटक लौटने के बाद पहले मैच में नायर ने 126 गेंद पर 9 चौके की मदद से 73 रन बनाए।
करुण और पडिक्कल ने कर्नाटक को संभाला
करुण जब पडिक्कल का साथ देने उतरे तब कर्नाटक का स्कोर 26 रन पर 2 विकेट था। करुण के आउट होने पर कर्नाटक का स्कोर 3 विकेट पर 172 रन था। इसके बाद पडिक्कल ने स्मरण आर के साथ 23 रन की साझेदारी की। वह जब आउट हुए तब कर्नाटक का स्कोर 4 विकेट पर 195 रन था।