Ranji Trophy 2022-23, BEM Vs SAUR: सौराष्ट्र ने 19 फरवरी 2023 को कोलकाता के ईडन गार्डंस पर रणजी ट्रॉफी 2022-23 के फाइनल बंगाल को नौ विकेट से हराया। सौराष्ट्र पिछले तीन सीजन में दूसरी बार चैंपियन बना है। सौराष्ट्र की इस जीत में उसके कप्तान जयदेव उनादकट की अहम भूमिका रही। जयदेव उनादकट प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए, जबकि अर्पित वासवदा (Arpit Vasavada) प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए।

बाएं हाथ के अनुभवी तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने दूसरी पारी में 85 रन देकर 6 विकेट लिए। जयदेव उनादकट ने पहली पारी में 3 विकेट लिए थे। सौराष्ट्र ने पहली पारी में 230 रन बड़ी बढ़त लेने के बाद ही जीत की ओर कदम बढ़ा दिए थे। बंगाल ने चौथे दिन की शुरुआत 4 विकेट पर 169 रन से आगे से की और उसकी पूरी टीम 241 रन पर आउट हो गई।

इस तरह सौराष्ट्र को मैच और खिताब अपने नाम करने के लिए 12 रन का लक्ष्य मिला। आकाशदीप की गेंद पर सौराष्ट्र ने सलामी बल्लेबाज जय गोहिल (शून्य) का विकेट गंवाया। हालांकि, टीम 2.4 ओवर में 14 रन बनाकर दूसरी बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनी।

आखिरी बार 1989-90 में चैंपियन बनी थी बंगाल की टीम

सौराष्ट्र को पिछला खिताब 2019-20 सत्र में मिला था। उस समय टीम ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर बंगाल को हराया था। सौराष्ट्र ने पिछले 10 सीजन में 5 बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाकर अपनी निरंतरता साबित की।

वहीं, बंगाल की टीम फिर चैंपियन बनने से चूक गई। बंगाल ने अपना पिछला खिताब 1989-90 में ईडन गार्डंस के इसी मैदान पर सितारों से सजी दिल्ली को हराकर जीता था। बंगाल का पहला खिताब 1938-39 में आजादी से पहले के दौर में आया था।

मनोज तिवारी को नहीं मिला साथी खिलाड़ियों का भरपूर साथ

जयदेव उनादकट ने दिन के शुरुआती सत्र में फिर अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया। उन्होंने शाहबाज अहमद (27) के रन आउट होने के बाद आखिरी 5 में से 4 विकेट चटकाए। शनिवार को जयदेव उनादकट ने दो विकेट लिए थे। बंगाल के अनुभवी बल्लेबाज कप्तान मनोज तिवारी (68) और अनुस्तूप मजूमदार (61) ने अर्धशतकीय पारी खेल जुझारूपन दिखाया लेकिन टीम को शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने निराश किया।

बंगाल को भारी पड़ा यह फैसला

अभिमन्यु ईश्वरन फाइनल की दो पारियों में शून्य और 16 रन ही बना पाए। सेमीफाइनल में शतक जड़ने वाले सुदीप घरामी शून्य और 14 का योगदान ही दे पाए। घरामी ने इस सत्र में 800 से ज्यादा रन बनाए हैं। फाइनल में सुमंत गुप्ता को पदार्पण का मौका देना भी बंगाल को भारी पड़ा। उनके पास शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के लिए जरूरी तकनीक की कमी दिखी। वह बाहर निकलती गेंदों पर असहज दिखे।

रणजी चैंपियन बनने के लिए मनोज तिवारी ने टाल दिया था अपने संन्यास का फैसला

बंगाल के खेल मंत्री और टीम के कप्तान मनोज तिवारी ने रणजी ट्रॉफी खिताब जीतने के लिए अपने संन्यास के फैसले को टाला था। यह उनका चौथा फाइनल था, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। इससे पहले मनोज तिवारी और शाहबाज की पिछले दिन की जोड़ी तीसरा रन चुराने की कोशिश में गफलत की शिकार हुई। इसका खामियाजा शाहबाज को रन आउट होकर भुगतना पड़ा। इससे मनोज तिवारी की लय भी गड़बड़ा गई।

मनोज तिवारी जयदेव उनादकट की बाहर जाती गेंद पर बल्ला अड़ाकर आउट हुए। इसके कुछ ही समय बाद बंगाल का स्कोर नौ विकेट पर 205 रन हो गया। मुकेश कुमार और इशान पोरेल की आखिरी जोड़ी ने 37 गेंद में 36 रन की साझेदारी कर टीम को पारी की हार से बचाया।

रणजी फाइनल के लिए भारतीय टीम से रिलीज किए गए जयदेव उनादकट ने पहली पारी में 44 रन देकर 3 विकेट लिए थे। उन्हें युवा वामहस्त तेज गेंदबाज चेतन सकारिया को अच्छा साथ मिला। चेतन सकारिया ने 33 रन देकर तीन विकेट चटकाए थे।