रणजी ट्रॉफी 2023-14 का फाइनल मैच मुंबई और विदर्भ के बीच खेला जाएगा। फाइनल मुकाबला 10 मार्च से खेला जाएगा। मुंबई की टीम ने तमिलनाडु को हराकर 48वीं बार फाइनल में जगह बनाई। वहीं विदर्भ ने मध्य प्रदेश को तीसरी बार हराकर फाइनल में जगह बनाई। मुंबई की टीम 41 बार खिताब जीती है। उसे 2015-16 के बाद खिताब का इंतजार है। वहीं 2018-19 में लगातार दूसरी बार विदर्भ चैंपियन बना था।

रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दूसरी बार ऐसा होगा जब एक ही राज्य की टीमें फाइनल में आमने-सामने होंगी। इससे पहले ऐसा 53 साल पहले हुआ था। मुंबई (तब बॉम्बे) का सामना हुआ था। 1971 में दोनों टीमें एक दूसरे भिड़ी थीं। बॉम्बे की टीम चैंपियन बनी थी। तब विदर्भ की टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी। बंगाल और मैसूर की टीमें सेमीफाइनल तक पहुंची थी।

बॉम्बे ने महाराष्ट्र को 48 रन से हराया था

2 से 7 अप्रैल 1971 के बीच खेले गए फाइनल मुकाबले में बॉम्बे ने महाराष्ट्र को 48 रन से हराया था। बॉम्बे ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 287 रन बनाए थे। ओपनर रामनाथ पारकर ने 108 रन बनाए थे। महाराष्ट्र के लिए निकी सलदाना ने 6 विकेट लिए थे। महाराष्ट्री की टीम पहली पारी में 230 रन पर सिमट गई। निकी सलदाना ने 50 रन बनाए थे। मुंबई के अब्दुल्ला इस्माइल ने 4 विकेट लिए थे।

बॉम्बे की टीम लगातार 13वीं बार चैंपियन बनी थी

बॉम्बे की टीम दूसरी पारी में 196 रन पर आउट हो गई थी। एम संपथ ने 60 रन बनाए। महाराष्ट्र के लिए विट्ठल जोशी ने 5 विकेट लिए। महाराष्ट्र की टीम दूसरी पारी में 205 रन पर आउट हो गई। चंदू बोर्डे ने सबसे ज्यादा 51 रन बनाए थे। बॉम्बे के लिए पदमकार सिवलकर ने 6 विकेट लिए थे। बॉम्बे के कप्तान सुधीर नायक थे। महाराष्ट्र के कप्तान चंदू बोर्डे थे। बॉम्बे की टीम लगातार 13वीं बार चैंपियन बनी थी। मुंबई के नाम लगातार 15 बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीतने का रिकॉर्ड है।