आंध्र के रिकी भुई ने इस सीजन के लिए कोई व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है। उनका एकमात्र लक्ष्य रणजी ट्रॉफी जीतना और “जब तक संभव हो तब तक बल्लेबाजी करना” है। उन्होंने पिछले सीजन के उपविजेता बंगाल के खिलाफ इस सीजन के पहले मैच में 175 रन बनाए। उनकी 347 गेंदों की मैराथन पारी ने आंध्र को बंगाल पर 36 रन की बढ़त दिलाने में मदद की टीम ने ग्रुप बी में तीन अंकों के साथ टूर्नामेंट की शुरुआत की।

आंध्र ने अभी तक रणजी ट्रॉफी खिताब नहीं जीता है। ऐसे में इस साल से टीम ने व्यक्तिगत उपलब्धियों का जश्न नहीं मनाने का नियम बना लिया है। कप्तान हनुमा विहारी ने टीम को खुद से ऊपर रखने के लिए यह कायदे कानून बनाए हैं। यही वजह है कि जब भुई ने अपना 15वां प्रथम श्रेणी शतक बनाया और 150 का आंकड़ा भी पार किया तो किसी साथी खिलाड़ी ने ताली नहीं बजाई। भुई ने इसके बारे में खुद बताया।

व्यक्तिगत रिकॉर्ड नहीं टीम का रिकॉर्ड मायने रखता है

स्पोर्ट्स्टार के अनुसार भुई ने प्लेयर ऑफ द मैच बनने के बाद कहा, ” कप्तान के तौर पर विहारी ने केवल इतना कहा कि कोई व्यक्तिगत रिकॉर्ड कुछ नहीं होता। जो टीम का रिकॉर्ड मायने रखता है। जब मैं शतक पर पहुंचा तो किसी ने ताली नहीं बजाई। यह अनिवार्य था कि लक्ष्य कुछ भी हो, हमें उसका पीछा करना है।”

बंगाल का स्कोर पार करने के लिए जश्न मनाया

भुई ने पैडल स्वीप से चौका मारा और 150 रन का आंकड़ा पार किया। आंध्र को बढ़त दिला दी। इसके बाद उन्होंने अपना हेलमेट उतार दिया। हालांकि, उनका कहना है कि यह जश्न बंगाल के 409 रन पार करने का जश्न मनाने के लिए था क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि वह 150 पार कर गए हैं। उन्होंने कहा, “आमतौर पर लोग एक माइलस्टोन तक पहुंचने के बाद संतुष्ट हो जाते हैं। जब तक हम मैच नहीं जीत जाते तब तक किसी को संतुष्ट नहीं होना चाहिए।”

खिताब जीतने के लिए प्रतिबद्ध खिलाड़ी

आंध्र के खिलाड़ी एक साथ ताली बजाते हैं, जिसे कोई भी, किसी भी समय, शुरू कर सकता है, भले ही वह बाहर ही क्यों न हो। बल्लेबाजी के दौरान पूरी टीम एक साथ बैठती है और हर गेंद के बाद ताली बजाती है। इसे लेकर भुई ने कहा, ” इन छोटी-छोटी चीजों से हमने यह सुनिश्चित किया है कि टीम को एक साथ रहना है। हम इस बार खिताब जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”