राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को श्रीलंका दौरे पर गई भारत की सीमित ओवर की टीम का कोच बनाया गया है। इसके बाद से ही राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का हेड कोच बनाए जाने की मांग और चर्चा तेज हो गई है। बहुत से क्रिकेट विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं, लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट के सचिन तेंदुलकर माने जाने वाले वसीम जाफर इससे इत्तेफाक नहीं रखते।

फिलहाल टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री हैं। उनका कार्यकाल आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप तक है। वसीम जाफर ने अपने YouTube चैनल पर कहा, ‘मुझे यकीन है कि राहुल द्रविड़ से उन युवाओं को बहुत फायदा होगा। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि उन्हें भारत की राष्ट्रीय टीम का कोच बनाने के लिए जोर नहीं देना चाहिए। मुझे लगता है कि उन्हें भारत के अंडर-19 खिलाड़ियों और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में भारत ए के खिलाड़ियों के साथ काम करने की जरूरत है।’

उन्होंने कहा, ‘अधिकतर लोग इस बात से सहमत हैं, लेकिन मेरा दृष्टिकोण अलग है। एनसीए में उनकी ज्यादा जरूरत है। वहां वह युवा क्रिकेटर्स को तैयार करेंगे, क्योंकि इंटरनेशनल प्लेयर्स हैं, जो इंडियन टीम में खेल रहे हैं, वे कहीं न कहीं वह थोड़े फिनिश्ड प्रोडक्ट (पूरी तरह से तैयार खिलाड़ी) हैं।’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन राहुल द्रविड़ की ज्यादा जरूरत इन यंगस्टर्स को है, जो अंडर-19 और इंडिया ए में खेल रहे हैं। राहुल द्रविड़ के गाइडेंस, मेंटोरशिप की वजह से वे नेक्स्ट लेवल पर पहुंच सकते हैं।’ बता दें कि द्रविड़ की कोचिंग में खेल चुके अंडर-19 के अधिकतर खिलाड़ी सीनियर टीम में खेल रहे हैं और IPL में भी तहलका मचा रहे हैं।

वहीं, भारत के पूर्व ऑलराउंडर रितेंदर सिंह सोढ़ी का मानना है कि द्रविड़ निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट टीम के अगले मुख्य कोच होंगे। सोढ़ी ने कहा था, ‘द्रविड़ की नियुक्ति अस्थायी नहीं है। वह भारत के अगले कोच बनने के लिए तैयार हैं। सबसे पहले हमें यह स्वीकार करना होगा कि रवि शास्त्री ने कोच के रूप में बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन उनका अनुबंध समाप्त हो रहा है।’

सोढ़ी ने कहा था, ‘बतौर कोच के लिए एक अस्थायी व्यवस्था और वह भी राहुल द्रविड़ के रूप में? मुझे लगता है यह असंभव है। अगर वह मुख्य कोच के रूप में श्रीलंका जा रहे हैं तो कहीं न कहीं यह स्पष्ट संकेत है कि वह लाइन में हैं। अगर कोई है जो रवि शास्त्री को कोच के रूप में बदल सकता है तो वह व्यक्ति राहुल द्रविड़ ही हैं।’