हेड कोच राहुल द्रविड़ समेत टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ के कार्यकाल को बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) ने बुधवार, 29 नवंबर 2023 को बढ़ा दिया। इस सपोर्ट स्टाफ में पारस म्हाम्ब्रे शामिल हैं। वह गेंदबाजी कोच हैं। पारस अनुभव की बात करें तो उनका इंटरनेशनल करियर कुछ खास नहीं रहा। उन्होंने 1996 में भारत के लिए डेब्यू किया और 1998 में अपना आखिरी मैच खेला।
1996 में शुरू हुआ करियर
राहुल द्रविड़ का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर भी 1996 में ही शुरू हुआ। पारस और द्रविड़ साथ-साथ खेले भी हैं। भारतीय टीम 1996 में इंग्लैंड दौरे पर गई थी। दोनों ने इसी दौरे पर टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। द्रविड़ सालों तक भारत के लिए खेले। वहीं म्हाम्ब्रे का टेस्ट करियर इंग्लैंड दौरे पर ही समाप्त हो गया। म्हाम्ब्रे ने भारत-इंग्लैंड के बीच बर्मिंघम में खेले गए पहले टेस्ट में डेब्यू किया था।
लॉर्ड्स में ही खत्म हो गया पारस म्हाम्ब्रे का करियर
द्रविड़ ने लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट में डेब्यू किया था। म्हाम्ब्रे इस मैच में खेले थे,लेकिन इसके बाद वह भारत के लिए कोई टेस्ट मैच नहीं खेले। म्हाम्ब्रे का वनडे करियर इसी इंग्लैंड दौरे पर शुरू ही शुरू हुआ। वनडे सीरीज में भी वह सिर्फ 2 मैच ही खेले। द्रविड़ इस सीरीज का हिस्सा थे, लेकिन वह 1996 में ही पहले ही वनडे क्रिकेट में डेब्यू कर चुके थे। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में सिर्फ 1 मैच खेले।
पारस म्हाम्ब्रे ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 1998 में खेला
पारस म्हाम्ब्रे ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 1998 में खेला। बांग्लादेश के खिलाफ यह वनडे मै था। कुल मिलाकर उन्होंने 2 साल के इंटरनेशनल करियर में 5 मैच खेले। 3 वनडे में 3 विकेट लिए। 2 टेस्ट में 2 विकेट लिए। फर्स्ट क्लास करियर की बात करें तो उन्होंने 91 मैच में 284 विकेट लिए। वहीं लिस्ट ए करियर में 83 मैच में 111 विकेट लिए।
राहुल द्रविड़ विश्व के दिग्गज खिलाड़ियों में शामिल
राहुल द्रविड़ के करियर की बात करें तो भारतीय क्रिकेट ही नहीं वर्ल्ड क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ियों में उनका नाम आता है। उन्होंने टीम इंडिया का नेतृत्व भी किया। वनडे क्रिकेट में 10 हजार से ज्यादा तो टेस्ट क्रिकेट में 13 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में 36 शतक उनके नाम हैं।
