प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में दबंग दिल्ली ने अब तक सधा हुआ प्रदर्शन किया है। हालांकि प्रदर्शन के लिहाज से अंकतालिका में अब भी वह पांचवें स्थान पर है। उसने एब तक लीग के दूसरे सत्र में आठ में से तीन मैच जीते हैं। शनिवार से लीग का दिल्ली लेग शुरू होगा और उम्मीद की जारही है कि दबंग दिल्ली के जाबांज अपने घरेलू मैदान व समर्थकों के बीच चमकदार प्रदर्शन कर अंकतालिका में पहले स्थान पर पहुंचने की कोशिश करेंगे। वैसे देखा जाए तो दिल्ली का अब तक का जो प्रदर्शन रहा है उसमें उनके रेडरों खास कर काशीलिंग अडाके और रोहित कुमार ने कमाल कर दिखाया है। ये दोनों खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और रेड डालने में अपनी दबंगई साबित कर रहे हैं। काशी जहां 42 सफल रेड के साथ पहले स्थान पर हैं, तो रोहित सातवें स्थान पर
टीम का पहला लक्ष्य प्ले|फ में जगह बनाना है और जिस ढंग से दबंग दिल्ली के खिलाड़ी खेल रहे हैं, उसे देखते हुए ऐसा करना मुश्किल भी नहीं लगता। पिछले साल सभी खिलाड़ियों के लिए पीकेएल का पहला अनुभव था। इसी वजह से अच्छी शुरूआत के बावजूद टीम जीत हासिल नहीं कर पाई। इसके अलावा कई प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने की वजह से भी टीम का प्रदर्शन प्रभावित हुआ था। इसके बावजूद सुरजीत नरवाल और काशीलिंग लीग में टाप पांच में रहे थे जबकि जसमेर गुलिया ने शीर्ष डिफेंडरों में जगह बनाई थी।
लेकिन दूसरे सत्र में कहानी कुछ बदली हुई दिखाई दे रही है। दूसरे सत्र के पहले मैच में ही तेलुगु टाइटन ने दिल्ली का हरा कर करारा झटका दिया था। लेकिन फिर टीम ने वापसी की और कोलकाता में लगातार दो मैच जीते। टीम की दीवार कहे जाने वाले रविंदर पहल फिर से अपेक्षाओं पर खरे उतरे। काशी इस साल भी लय में दिख रहे हैं। जबकि रोहित इस सत्र में अब तक दो बार सर्वश्रेष्ठ रेडर का पुरस्कार जीत चुके हैं। काशीलिंग के मुताबिक टूर्नामेंट से पहले तीन अभ्यास शिविरों के आयोजन से उन्हें अच्छी तैयारी करने का मौका मिल गया, जिसका परिणाम यहां दिखाई दे रहा है। पिछले साल चोट की वजह से नहीं खेलने वाले रोहित के मुताबिक उन्होंने सभी मैचों को टीवी पर देखा था और वे चाहते थे कि एक दिन मैं भी यहां खेलूंगा। इस साल मेरा यह सपना पूरा हो गया और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता हूं। दूसरी तरफ, कप्तान रविंदर पहल अब तक पैंतीस खिलाड़ियों को रोक चुके हैं।