पृथ्वी शॉ ने महज 23 साल की उम्र में काफी उतार चढ़ाव देख लिए हैं। वह जीतनी तेजी से ऊपर आए उसी रफ्तार से नीचे गए। उन्होंने कप्तान के तौर पर अंडर-19 विश्व कप जीता और टेस्ट शतक के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। इसके बाद भी वह राष्ट्रीय टीम में जगह पक्की नहीं कर पाए हैं। घरेलू क्रिकेट में खूब रन बनाने और आईपीएल में अपना प्रभाव छोड़ने के बावजूद उन्होंने पिछले दो वर्षों में कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है।
पृथ्वी शॉ विवादों की वजह से भी काफी सर्खियों में रहे हैं। हाल ही में वह भोजपुरी एक्ट्रेस सपना गिल के साथ लड़ाई की वजह से सुर्खियों में थे। वह देवधर ट्रॉफी छोड़कर काउंटी क्रिकेट खेलने के लिए ब्रिटेन जाने तो तैयार हैं। इससे पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि वह टीम से क्यों ड्रॉफ हुए उन्हें नहीं पता। उनके ज्यादा दोस्त नहीं हैं। वह दोस्त बनाना पसंद नहीं करते। किसी से कुछ शेयर करने में डर लगता है।
भारतीय टीम से बाहर होने का कारण नहीं पता
क्रिकबज और विजडन को दिए इंटरव्यू में पृथ्वी शॉ ने कहा, ” जब मुझे भारतीय टीम से बाहर किया गया, तो मुझे इसका कारण पता नहीं चला। कोई कह रहा था कि फिटनेस इसकी वजह हो सकती है, लेकिन निश्चित रूप से मैं यहां (बेंगलुरु) आया और एनसीए में सभी टेस्ट पास किए। फिर से रन बनाए और फिर से टी20 टीम में वापस आया, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ फिर मौका नहीं मिला। मैं निराश हूं, लेकिन आपको बस आगे बढ़ना है।”
डर लगता है आजकल कोई बात साझा करने से
पृथ्वी शॉ ने आगे कहा, “मैं कुछ नहीं कर सकता, मैं किसी से लड़ नहीं सकता। मैं सिर्फ अपने जोन में रहना पसंद करता हूं। लोग मेरे बारे में बहुत सी बातें कहते हैं, लेकिन जो लोग मुझे जानते हैं, वे जानते हैं कि मैं कैसा हूं। मेरा कोई दोस्त नहीं हैं, मुझे दोस्त बनाना पसंद नहीं है। इस पीढ़ी के साथ यही हो रहा है। आप अपने विचार किसी और के साथ शेयर नहीं कर सकते। यदि आप मुझसे व्यक्तिगत रूप से पूछें तो यह बहुत डरावना है। डर लगता है आजकल कोई बात साझा करने से। अगले दिन सोशल मीडिया में आ जाता है। मेरे बहुत कम दोस्त हैं, केवल कुछ दोस्त हैं और उनके साथ भी मैं सब कुछ साझा नहीं करता, बस कुछ ही बातें साझा करता हूं।”
मैं इन दिनों बाहर नहीं निकलना पसंद करता हूं
पृथ्वी शॉ ने आगे कहा, “अगर मैं बाहर जाऊंगा, तो लोग परेशान करेंगे। वे सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ डालेंगे, इसलिए मैं इन दिनों बाहर नहीं निकलना पसंद करता हूं। मैं बाहर जाकर क्या करूं? जहां भी जाऊंगा, कुछ ना कुछ होता है। जाना ही बंद कर दिया हूं। इन दिनों, मैं लंच और डिनर के लिए भी अकेले जा रहा हूं। मुझे अब अकेले रहना अच्छा लगने लगा है। कुछ दिन पहले मैं अकेले ही एक फिल्म देखने गया था – इनसिडियस। बाप रे बाप, खतरनाक फिल्म थी बहुत। भला हो कि यह 3डी में नहीं था। मैं अकेला था, किसी को अपने पास आकर बैठने के लिए भी नहीं कह सकता था।”