पृथ्वी शॉ भारत के कुछ सबसे बेहतरीन प्रतिभाशाली क्रिकेटरों में से एक माने जाते हैं, लेकिन उनके करियर का शानदार शुरुआत के बाद उन्हें काफी बुरे दिन भी देखने पड़े। पृथ्वी अब घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए नहीं खेलेंगे और उनका टारगेट अब टीम इंडिया में वापसी करना है। हालांकि उनके करियर का ग्राफ जो नीचे गिरा उसके लिए उन्होंने अपनी गलतियों को स्वीकार किया और अपनी लाइफ के कुछ राज खोले।

पृथ्वी ने 2018 में भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप खिताब दिलाया और इसी साल भारत के लिए टेस्ट डेब्यू भी किया। उस वक्त उनकी उम्र 18 साल थी और उन्होंने डेब्यू टेस्ट में शतक लगाया। हालांकि 2020 के बाद वो टीम इंडिया के लिए टेस्ट नहीं खेला है जबकि जुलाई 2021 से किसी भी प्रारूप में भारत के लिए नहीं खेला है। उन्होंने भारत के लिए 5 टेस्ट, 6 वनडे और एक टी20 मैच खेला है।

मैंने क्रिकेट को पर्याप्त समय नहीं दिया

25 साल के पृथ्वी शॉ ने न्यूज 24 पर अपनी असफलताओं के बारे में बात की और बताया कि उन्होंने इस खेल को पर्याप्त समय नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बहुत कुछ हुआ और केवल मैं ही समझ सकता हूं कि क्या हुआ। हालांकि इसको लेकर लोगों का अपना नजरिया है। मैंने जीवन में कई गलत फैसले लिए हैं और मैंने क्रिकेट को बहुत कम समय दिया। पहले मैं 4-5 घंटे प्रैक्टिस करता था, बल्लेबाजी से कभी नहीं थकता था, आधा दिन मैदान पर बिताता था। यह 2023 तक चला, लेकिन उसके बाद मैंने उन चीजों को अहमियत दी जो अहम नहीं थी। मैंने गलत दोस्त बनाए, चुकी में टॉप पर था, इसलिए दोस्त बनते हैं। यहां जाना, वहां जाना, मैं मुख्य ट्रैक से हट गया। मैं मैदान पर 8 घंटे रहता था जो घटकर 4 घंटे हो गया।

मैंने खुद अपना करियर खराब किया

पृथ्वी ने आगे कहा कि जैसे ही उनका करियर डाउन हुआ उनके दोस्त उनकी जिंदगी से गायब हो गए। हालांकि ये उनकी गलती नहीं है मैं ही इसमें गलत था और मुझे पता होना चाहिए था कि क्या करना है। मैं इधर-उधर चलागया और ये सिर्फ मेरी गलती थी। मैं मानता हूं कि वो मेरी जिंदगी का सबसे बुरा फेज था, लेकिन अब ऐसा नहीं है और मैं खुद मजबूत हूं। जिन्होंने मेरा ध्यान भटकाया वो मेरी जिंदगी में नहीं हैं और मैं इसे सकारात्मक रूप से लेता हूं। मैं खुद जिम्मेदार हूं। मैं किसी को दोष नहीं देता। मैं मानसिक रूप से मजबूत हूं। अगर मेरा ध्यान भटका तो यह मेरी अपनी गलती थी। अगर मैं यहां तक ​​पहुंचा तो वह भी अपने दम पर। मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता।