भारत की युवा एथलीट प्रीति पाल ने रविवार (1 सितंबर) को इतिहास रच दिया। प्रीति ने पैरालंपिक खेलों में 200 मीटर के T35 कैटेगरी में देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह प्रीति का पेरिस पैरालंपिक में दूसरा मेडल है। इससे पहले उन्होंने 100 मीटर में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वह पैरालंपिक में ट्रैक एंड फील्ड में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गई हैं।
प्रीति ने 30.01 सेकंड का समय निकालकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इसके साथ ही भारत की मेडल संख्या अब छह तक पहुंच गई है। इससे पहले भारत को शूटिंग में चार और एथलेटिक्स में एक मेडल हासिल हुआ था। इस इवेंट का गोल्ड और सिल्वर मेडल चीन के नाम रहा। चीन के जिया जो ने 28.15 सेकंड के समय के साथ गोल्ड और जोयू कियानकन ने 29.09 सेकंड के साथ सिल्वर अपने नाम किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रीति पाल को बधाई दी
टी35 में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनमें हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस जैसी समन्वय संबंधी विकार होते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रीति पाल को बधाई दी। उन्होंने लिखा, ‘प्रीति पाल ने इतिहास रच दिया। उसने पैरालंपिक्स 2024 में अपना दूसरा मेडल जीता। उन्होंने 200 मीटर के T35 इवेंट का ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। वह भारत के लोगों के लिए प्रेरणा हैं।’
जन्म से ही मुश्किलें झेली हैं प्रीति
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर में एक किसान परिवार में जन्मी प्रीति के लिए मुश्किलें कोई नई बात नहीं हैं। जन्म के कुछ ही दिनों बाद उनके शरीर के निचले हिस्से पर प्लास्टर चढ़ा दिया गया। पैरों में कमजोरी और पैरों का पोशचर सही नहीं होने के कारण उन्हें कई तरह की बीमारियों का खतरा था। उन्होंने अपने पैरों को मजबूत बनाने के लिए कई तरह के उपचार करवाए।
चीन में टूटा दिल
चीन में 2023 एशियाई पैरा चैंपियनशिप में 100 और 200 मीटर स्पर्धाओं में उन्हें दो बार चौथे स्थान पर रहना पड़ा, लेकिन प्रीति ने और मजबूत वापसी की। उनकी लगन और कड़ी मेहनत का नतीजा यह हुआ कि उन्हें विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए चुना गया, जहां उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर दोनों में कांस्य पदक जीतकर शानदार प्रदर्शन किया।