दो महीने पहले पैरा-साइकलिस्ट आदित्य मेहता को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान कृत्रिम पैर हटाने के लिए कहा गया था। अब मंगलवार उन्हीं अधिकारियों ने उनसे एक बार फिर पैर हटाने के लिए कहा। एशियन पैरा साइकलिंग चैंपियनशिप 2013 में सिल्वर मेडल जीतने वाले मेहता ने कहा कि इससे उन्हें मनोवैज्ञानिक तौर पर परेशानी हुई है। मंगलवार सुबह जब वे हैदराबाद के लिए फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उनसे सुरक्षा अधिकारियों ने वह कृत्रिम पैर हटाने के लिए कहा। इसके बाद उन्हें वह पैर दोबारा से पहनना पड़ा। इसमें उन्हें 40 मिनट लगे, लेकिन इस दौरान उनके पैर से खून से निकलने लगा।
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मेहता ने इसके बारे में अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा है। मेहता ने लिखा है, ‘लगता है कि बेंगलुरु एयरपोर्ट के सीआईएसएफ अधिकारियों को मौजूदा सुरक्षा जांच प्रणाली बदलने के हमारे कैम्पेन के बार में नहीं पता है। आज सुबह जब मैं बेंगलुरु से हैदराबाद के लिए फ्लाइट पकड़ने के लिए पहुंचा सुबह 5.30 बजे पहुंचा तो सीआईएसएफ अधिकारियों ने मुझसे सुरक्षा जांच के लिए कृत्रिम पैर निकलाने के लिए कहा। मैं पिछले बीस दिन से चोट से पीड़ित हूं। मैंने सुरक्षा अधिकारियों को इस बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि यह तुम्हारी दिक्कत है। मुझे इसमें पूरे 40 मिनट लगे। उसे उतारने के बाद मुझे दोबारा से पहनना भी पड़ा। इसकी वजह से मेरे पैर से खून निकलने लगा।’
मेहता जो कि पूरे देश में घूमते रहते हैं का कहना है कि यह समस्या उन्हें दूसरे एयरपोर्ट पर नहीं होती, क्योंकि वहां पर अधिकारी उन्हें कृत्रिम पैर हटाए बिना ही जाने देते हैं। उन्होंने लिखा है, ‘अन्य एयरपोर्ट के अधिकारी संवदेनशील हैं, जब मैं उन्हें अपनी चोट के बारे में बताता हूं तो वे मुझे जाने देते हैं।’
बता दें, बेंलगुरु एयरपोर्ट पर अगस्त महीने में ऐसी घटना होने के बाद एक कैम्पेन की शुरुआत हुई थी, इसमें विकलांग लोगों के लिए एयरपोर्ट पर बॉडी स्कैनर लगाने की मांग की गई थी। लेकिन शहर के एयरपोर्ट पर कोई बदलाव नजर नहीं आया।
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