पाकिस्तान के इस्लामाबाद में मंगलवाल (11 नवंबर) को हुए आत्मघाती हमले के बाद श्रीलंका के खिलाड़ी बुरी तरह डरे हुए हैं। वे दौरा छोड़कर घर वापस लौटना चाहते हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और बोर्ड से दौरे को रद्द करने की मांग की है।

श्रीलंका क्रिकेट (SLC) के सूत्रों ने बताया कि रावलपिंडी और इस्लामाबाद की निकटता के कारण कुछ खिलाड़ियों ने स्वदेश लौटने की इच्छा व्यक्त की है। इस विस्फोट में 12 लोग मारे गए थे। रावलपिंडी में 3 मैचों की वनडे सीरीज खेली जा रही। हालांकि, एसएलसी के शीर्ष प्रबंधन से संकेत मिले हैं कि दौरा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही हो। एकदिवसीय मैचों के बाद एक त्रिकोणीय श्रृंखला खेली जाएगी, जिसमें जिम्बाब्वे भी शामिल होगा।

2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुआ था हमला

श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच पहला वनडे मंगलवार (11 नवंबर) को रावलपिंडी में खेला गया, जिसे मेजबान टीम ने छह रनों से जीत लिया। दूसरा वनडे गुरुवार (13 नवंबर) को इसी मैदान पर खेला जाएगा। 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की बस पर उस समय आतंकी हमला हुआ था जब वह दूसरे टेस्ट मैच के लिए लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम जा रही थी।

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एक दशक तक पाकिस्तान में नहीं हुआ अंतरराष्ट्रीय मैच

इस हमले में अजंता मेंडिस, चमिंडा वास और कप्तान महेला जयवर्धने सहित श्रीलंकाई टीम के कई सदस्य घायल हुए थे, जबकि कई पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। घातक हमले के बाद सभी विदेशी टीमों ने एक दशक से भी ज्यादा समय तक पाकिस्तान का दौरा करने से परहेज किया। पाकिस्तान को अपने घरेलू मैच खाड़ी देशों में खेलता था। संयोगवश, दिसंबर 2019 में श्रीलंका के पाकिस्तान दौरे करने से ही देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई।