पिछले सत्र में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने के बाद साइना नेहवाल की अगुवाई वाली भारतीय महिला टीम रविवार (15 मई) से यहां शुरू हो रहे थॉमस और उबेर कप बैडमिंटन टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन करने के इरादे से उतरेगी जबकि सिताराहीन पुरुष टीम की राह काफी कठिन है। भारतीय महिला टीम पहली बार 2010 में कुआलालम्पुर में हुए उबेर कप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी लेकिन 2014 में दिल्ली में उसने पहला कांस्य पदक जीता। सेमीफाइनल में उसे पांच बार के चैम्पियन जापान ने 3-2 से हराया।
भारतीय महिला टीम को 2014 की उपविजेता जापान, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के साथ रखा गया है। एक बार फिर अच्छे प्रदर्शन का दारोमदार साइना और पी वी सिंधू पर होगा। तीसरे एकल खिलाड़ी का चयन रूत्विका शिवानी गड्डे, तन्वी लाड और पी सी तुलसी में से किया जाएगा। टीम में तीन एकल और दो युगल खिलाड़ी हैं। युगल में 2010 राष्ट्रमंडल खेल चैम्पियन ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा के साथ एन सिक्की रेड्डी और के मनीषा उतरेंगे।
पहले दिन भारतीय महिला टीम का सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा। इसके बाद उसे जर्मनी और जापान से खेलना है।
थॉमस कप में अजय जयराम भारतीय चुनौती पेश करेंगे जबकि दुनिया के 12वें नंबर के खिलाड़ी के श्रीकांत यह टूर्नामेंट नहीं खेल रहे और एच एस प्रणय के पैर में चोट लगी है। इनकी गैर मौजूदगी में दारोमदार बी साई प्रणीत, राष्ट्रीय चैम्पियन समीर वर्मा और उसके बड़े भाई सौरभ पर होगा। युगल में मनु अत्री और बी सुमीत रेड्डी चुनौती की अगुवाई करेंगे। उनके अलावा अक्षय देवलकर, युवा आर सात्विक साइराज और मुंबई के चिराग शेट्टी भी टीम में हैं।
भारत को ग्रुप बी में इंडोनेशिया, थाईलैंड और हांगकांग के साथ रखा गया है। ड्रा आसान लग रहा है लेकिन शीर्ष खिलाड़ियों की गैर मौजूदगी का असर भारत के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। भारतीय पुरुष टीम रविवार (15 मई) को थाईलैंड से पहला मैच खेलेगी। उसके बाद हांगकांग और इंडोनेशिया से मुकाबले होंगे। जयराम ने कहा,‘हम कठिन ग्रुप में हैं और क्वार्टर फाइनल में जाना कड़ी चुनौती होगी। ग्रुप चरण के तीनों मैच अहम है। मेरा मानना है कि शुरुआत अच्छी होने पर आगे अच्छे प्रदर्शन के लिए मनोबल बढ़ेगा।
भारतीय टीम 2006 से पहले तक नॉकआउट दौर तक भी नहीं पहुंची थी। 2006 में पुरुष टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंची और 2010 क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया से 3-0 से हार गई। पिछले सत्र में ग्रुप चरण से आगे नहीं पहुंच सकी थी।