एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के सदस्य संघों ने कतर के उम्मीद्वार को अयोग्य घोषित किए जाने के विवाद के कारण फीफा की नई संचालन परिषद के तीन पदों के चुनाव मंगलवार (27 सितंबर) को भारी बहुमत से स्थगित करने का फैसला किया। फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेनटिनो की उपस्थिति में एएफसी सदस्य सघों ने यहां चल रही बैठक के एजेंडा के साथ जारी नहीं रहने के पक्ष में 42-1 से मतदान किया। एएफसी की इस बैठक का मुख्य एजेंडा फीफा परिषद के लिए एशिया से तीन सदस्यों का चुनाव करना था लेकिन बैठक की कार्यवाही 30 मिनट से भी कम समय तक चली। फीफा ने आचार आयोग की जांच को देखते हुए मतदान से केवल 24 घंटे पहले कतर के सौद अल मोहानदी को बुधवार (28 सितंबर) को चुनावों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया।

एएफसी की बैठक केवल 27 मिनट तक चली जिसमें एएफसी अध्यक्ष शेख सलमान बिन इब्राहिम अल खलीफा ने प्रतिनिधियों और मेहमानों से कहा, ‘यह घटनाप्रधान सुबह है और आगे के कुछ सप्ताह घटनाप्रधान रहेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन कांग्रेस ने एक सुर में अपना पक्ष रखा और हम सभी ने इसे देखा है। फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेनटिनो, मुझे पता नहीं है कि आपने कभी इतने कम समय की बैठक में हिस्सा लिया होगा लेकिन मुझे लगता है कि आप यहां अभिमत की ताकत को देख सकते हो।’

कांग्रेस के बाद एएफसी ने कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलायी जिसमें शेख सलमान ने कहा, ‘आज एएफसी और एशियाई फुटबॉल ने एकता का परिचय दिया है। एशिया और एशिया के बाहर सभी को स्पष्ट संदेश पहुंच गया है। एशिया में फुटबॉल एकजुट है। सभी सदस्यों का इस तरह का मजबूत संदेश देने के लिये शुक्रिया।’ फीफा की आचार समिति ने पिछले महीने कतर फुटबॉल संघ के उपाध्यक्ष सौद अल मोहानदी पर भ्रष्टाचार की जांच में सहयोग नहीं करने के लिए ढाई महीने का प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी।

मोहानदी ने किसी तरह के भ्रष्टाचार में शामिल होने का खंडन किया था और शुरू में उन्हें चुनावों में शामिल होने की मंजूरी दे दी गयी थी लेकिन एएफसी ने कल देर शाम को बताया कि फीफा ने उन्हें चुनावों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। फीफा ने भ्रष्टाचार की जांच के विषय का खुलासा नहीं किया है लेकिन कहा है कि यह फीफा विश्व कप 2022 से संबंधित है जिसकी मेजबानी कतर को करनी है। इस बीच एएफसी कार्यकारी समिति ने अगली कांग्रेस तक चीन के च्यांग झियान को समिति में शामिल होने के लिए चुना है। एएफसी अब अगली कांग्रेस की समयसीमा तय करने के लिए फीफा से मशविरा करेगी।