क्रिकेट के मैदान पर जब भी कोई खिलाड़ी उतरता है तो उसका एक लक्ष्य होता है कि वो ऐसी पारी खेले जिससे कि उसकी टीम की जीत के साथ-साथ अपने नाम एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज हो जो लंबे समय तक याद किया जाता रहे। क्रिकेट जगत की अगर बात करें तो किसी भी खिलाड़ी के लिए वनडे मैच में दोहरा शतक जड़ना बेहद मुश्किल माना जाता रहा है। ये बात आमतौर पर समझी जाती रही है कि क्रिकेट जगत में पहला दोहरा शतक भारत के स्टार बल्लेबाज रहे सचिन तेंदुलकर ने जड़ा था लेकिन आपको बता दें कि एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास में पहला दोहरा शतक बनाने का कीर्तिमान किसी पुरुष नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी बेलिंडा क्लार्क के नाम है, जो उन्होंने आज ही के दिन यानी की 16 दिसंबर को जड़ा था। सितंबर 1970 को ऑस्ट्रेलिया के न्यूकासेल में जन्मी इस खिलाड़ी के नाम टीम को विश्वविजेता बनाने का भी रिकॉर्ड दर्ज है।
खास बात यह है कि इस महिला खिलाड़ी ने यह कारनामा विश्वकप के मुकाबले के दौरान किया था। जब डेनमार्क के खिलाफ 1997-98 के महिला विश्व कप मुकाबले के 18वें मैच में क्लार्क ने 155 गेंदों में 229 रन बनाए और नाबाद रहीं। यह पारी उन्होंने मुंबई के मैदान पर ही खेली थी। सबसे शानदार बात यह है कि इस महिला खिलाड़ी ने इस पारी में सिर्फ एक ही छक्का जड़ा था। बता दें कि सचिन ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ फरवरी 2010 में सचिन तेंदुलकर ने 200 रन बनाए थे जिसे पूरी दुनिया में पहले दोहरे शतक के रूप में याद किया जाता है। हालांकि क्लार्क ने इससे करीब 13 साल पहले ही यह कारनामा कर दिया था।

क्लार्क ने इस पारी में 22 चौके लगाए, लेकिन वह छक्का एक भी नहीं लगा पाई। ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम ने 412 रन बनाए थे। इस मैच में डेनमार्क की पूरी टीम 49 रनों पर आउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने ये मैच 363 रनों से जीत लिया। क्लार्क के ये रिकॉर्ड तब टूटा जब रोहित शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ 264 रनों की पारी खेली। बेलिंडा क्लार्क ने 118 वनडे मैचों में 4844 रन बनाए। हालांकि महिला खिलाड़ियों को नजरअंदाज करने का आंकलन इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्लार्क जैसे खिलाड़ियों का ये खास रिकॉर्ड भी लोगों की नजरों से उपेक्षित ही रहा।