भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज को लेकर विराट कोहली एंड कंपनी को सतर्क किया है। टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता रह चुके दिलीप वेंगसरकर को लगता है कि इंग्लैंड के विकेटों पर प्रदर्शन के लिए भारतीय बल्लेबाजों के पास कुछ तकनीकी और दिमाग को एडजस्ट करने की जरूरत है।

भारतीय टीम ने 1986 में टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड को उसके घर में 2-0 से हराया था। टीम इंडिया की सीरीज जीत के सूत्रधार दिलीप वेंगसरकर ही थी। भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ उसके घरेलू मैदान पर अब तक 18 टेस्ट सीरीज खेली हैं। इनमें से वह 3 (1971, 1986 और 2007) ही जीत पाया है। भारत ने 1971 में 3 टेस्ट की सीरीज 1-0, जबकि 1986 में इतने ही मैच की सीरीज में इंग्लैंड को 2-0 से हराया था। साल 2007 में भी भारत ने तीन टेस्ट की सीरीज 1-0 से जीती थी।

कर्नल के नाम से मशहूर वेंगसरकर ने खलीज टाइम्स से बातचीत में कहा, ‘हम उन दिनों काफी भाग्यशाली थे। हमें काउंटी क्रिकेट में खेलने का मौका मिलता था। इस कारण हम इंग्लैंड में खेलने के अभ्यस्त हो जाते थे। यही वजह थी कि हम वहां की परिस्थितियों से जल्दी वाकिफ हो जाते थे। ऑफ विकेट पर जो गेंद घूमती थी, उसे हम बेहतर तरीके से खेलते थे। भारतीय बल्लेबाजों को भी ऐसा ही करना चाहिए।’

वेंगसरकर ने कहा, ‘जब आप इंग्लैंड में बल्लेबाजी शुरू करते हैं तो बड़ी ड्राइव के लिए मत जाइए, क्योंकि वहां गेंद काफी घूमती है। यदि आप हॉफ वॉली देखते हुए बड़ी ड्राइव के लिए जाएंगे तो आपकी पारी स्लिप या कहीं भी समाप्त होने की आशंका है। ऐसे में बड़े ड्राइव पर जाने की बजाय गेंद को पुश करें। इंग्लैंड में कभी-कभी बादल छा जाते हैं। इससे गेंद स्विंग और घूमने लगती है। हालांकि, वहां अचानक धूप भी निकल आती है। इस वजह से पिच बल्लेबाजों की मददगार हो जाती है।’

वेंगसरकर ने कहा, ‘इंग्लैंड में आपको एक दिन में अलग-अलग मौसम मिलते हैं। यही वजह है कि बतौर बल्लेबाज आप कभी सेटल नहीं हो पाते हैं। भारत में जब आप एक बार सेट हो जाते हैं यानी 30 से ज्यादा रन बना लेते हैं तो आप बड़ी पारी खेल सकते हैं। इंग्लैंड में ऐसा नहीं  है।आप वहां विकेट पर कभी सेट नहीं हो सकते हैं। वहां, गेंद काफी स्विंग और इधर-उधर घूमती रहती है। इसे लेकर आपको सतर्क रहना होगा।’