मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने संकेत दिया है कि वह 29 अक्टूबर को होने वाले भारत और वेस्टइंडीज के बीच चौथे एकदिवसीय मैच की मेजबानी नहीं कर पाएगा। इसके पीछे की वजह बताते हुए एसोसिएशन ने कहा कि क्योंकि उनके पास वेंडरों को भुगतान देने के लिए कोई पदाधिकारी नहीं है। हाल में ही एमसीए के लिए इस वजह से शर्मनाक स्थिति पैदा गई थी। वे बैंगलोर में विजय हजारे टूर्नामेंट के दौरान मुंबई टीम के लिए होटल बिल का भुगतान नहीं कर सके थे और बीसीसीआई से उन्हें अनुरोध करनी पड़ी थी। एमसीए बीसीसीआई के चीफ एक्सक्यूटिव ऑफिसर राहुल जौहरी से मिलने की तैयारी में है, ताकि यह बता सके कि उसके पास  पेमेंट पर साइन करने और मैच आयोजित करने के लिए अधिकारी नहीं है।

बाम्बे हाईकोर्ट ने एमसीए के कामकाज की देखरेख के लिए जस्टिस वीएन खरे और हेमंत गोखले की दो प्रशासनिक समिति का गठन किया था, लेकिन उनका कार्यकाल 15 सितंबर को ही समाप्त हो गया। हाईकोर्ट द्वारा उनके कार्यकाल को नहीं बढ़ाया गया और सीओए ने सीईओ सीएस नाइक को पूरा कार्यभार सौंप दिया। हस्ताक्षर करने के लिए किसी अधिकारी के नहीं होने की वजह से कर्मचारियों के वेतन, खिलाडि़यों का मानदेय सहित सभी एमसीए का सभी पेमेंट रूका हुआ है। एमसीए के सूत्रों ने बताया कि, “एमसीए के पास कोई भी हस्ताक्षरकर्ता नहीं है, जो पेमेंट पर साइन कर सके। ऐसे में आगामी मैच में वेंडरों की नियुक्ति कौन करेगा? खेल का आयोजन कौन करेगा? ऐसी परिस्थिति में हमारे लिए अंतरराष्ट्रीय मैच का आयोजन करना काफी मुश्किल है। हम बीसीसीआई के समक्ष इस मुद्दे को रखेंगे।” यह नई समस्या सीओए द्वारा राज्य संघों को छूट देने संबंधी विवाद के निपटारे के बाद आयी है।

एमसीए की इस समस्या को लेकर बीसीसीआई सीओए प्रमुख विनोद राय ने कहा, “हम देखते हैं कि हमारे सामने यह मामला कब आता है। सीओए इस मामले का इंतजार करेगा।” वहीं, एमसीए इस मैच को तब तक कराने के मूड में नहीं है, जबतक सर्वोच्च न्यायालय से कुछ स्पष्ट न हो जाए। बीसीसीआई ने कुछ दिन पहले एमसीए और अन्य राज्य संघ को खेलों की मेजबानी के लिए अपनी तैयारी की स्थिति के बारे में ईमेल किया था। सोमवार (8 अक्टूबर) को एमसीए के संयुक्त सचिव उमेश खानविलकर ने पुराने समिति को एक्सटेंशन नहीं दिए जाने पर बाम्बे हाईकोर्ट का रूख किया और इस बात के लिए स्पष्टीकरण मांगा कि एमसीए को कौन चलाएगा। खानविलकर ने कहा, “बॉम्बे हाईकोर्ट ने हमें सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करने और उस पर स्पष्टता मांगने के लिए कहा है जो हम करेंगे।”